E-commerce कंपनियां अब ग्राहकों को नहीं बरगला सकेंगी, मोदी सरकार ने उठाया कदम; कैट ने किया स्वागत

E-commerce Companies: मोदी सरकार के इस कदम का आभार व्यक्त करते हुए कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया कि अब ई- कॉमर्स पॉलिसी एवं नियमों को भी तुरंत लागू किया जाए।

Report :  Viren Singh
Update:2023-12-04 16:29 IST

Dark Pattern: (सोशल मीडिया

E-commerce Companies: केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर "डार्क पैटर्न" के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना का कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने स्वागत किया है। कैट ने कहा कि केंद्र सरकार इस फैसले से ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा ग्राहकों को बरगलाने की प्रवृति पर रोक लगेगी। कंपनियों के मनमाने रवैये के खिलाफ देश का सबसे बड़ा व्यापारी संगठन कैट लगातार चार वर्षों से संघर्षरत था और वाणिज्य मंत्रालय एवं उपभोक्ता मंत्रालय से लगातार इस बात का आग्रह कर रहा था कि ई-कॉमर्स कंपनियां अपने भ्रामक बिजनेस मॉडल से न केवल व्यापारियों का उत्पीड़न कर रही हैं,बल्कि ग्राहकों के हितों को भी बड़ी हानि पहुंचा रही थीं।

अब जल्द लागू ई-कॉमर्स पॉलिसी

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को इस कदम के लिए धन्यवाद करते हुए आग्रह किया कि अब ई कॉमर्स पॉलिसी एवं नियमों को भी तुरंत लागू किया जाए, जिससे भारत में ई-कॉमर्स का व्यापार एक बेहद व्यवस्थित तरीके से चल सके और ई-कॉमर्स पोर्टल की जिम्मेदारी तय हो पाए।

जानिए क्या है डार्क पैटर्न?

डार्क पैटर्न के बारे में जानकारी देते हुए खंडेलवाल बताया कि डार्क पैटर्न उसे कहा जाता है जिसके जरिए ग्राहकों को धोखा अथवा उनकी पसंद में हेरफेर करने का प्रयास किया जाता है। उभरते डिजिटल व्यवसाय में उपभोक्ताओं को उनकी खरीदारी के विकल्पों और व्यवहार में हेरफेर करके गुमराह करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों द्वारा डार्क पैटर्न का तेजी से उपयोग किया जा रहा है।

30 नवंबर को जारी हो चुके दिशानिर्देश

उन्होंने कहा कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा 30 नवंबर को इस संबंध में "डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश" के रूप में एक गजट अधिसूचना जारी की गई थी, जो भारत में सामान देने अथवा सेवाओं को प्रदान करने वाले सभी प्लेटफार्मों, विज्ञापनदाताओं और विक्रेताओं पर लागू है। अभिसूचना के मुताबिक डार्क पैटर्न का सहारा लेना, भ्रामक विज्ञापन देना या अनुचित व्यापार करना, उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन होगा। इसमें कहा गया है कि जुर्माना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार लगाया जाएगा। सीसीपीए ने केवल उद्योग के लिए मार्गदर्शन के रूप में 13 डार्क पैटर्न जारी किए हैं।

आएगी पारदर्शिता ग्राहकों का हित होगा सुरक्षित

कैट ने उम्मीद जताई है कि इस अधिसूचना से ई-कॉमर्स व्यापार में पारदर्शिता आएगी और ग्राहकों का हित भी सुरक्षित रहेगा और इन कंपनियों के मनमाने रवैये आदि पर कुछ हद तक लगाम लग सकेगी।

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