Agriculture Drone: इस विधि को अपना कर फसलों को बचा सकते हैं कीटनाशक से, सरकार भी दे रही है सब्सिडी
Agriculture Drone: केंद्र सरकार किसानों को ड्रोन की लागत का 50 फीसदी की दर से अधिकतम 5 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है।
Agriculture Drone: किसानों को समृद्ध बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है। फिर चाहे किसानों को खेती के लिए सरकार से मिलने वाली किसान सम्मान निधि हो या फिर कृषि के यंत्र को खरीदने के लिए मिलने वाली सब्सिडी। किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत हो यही केंद्र व राज्य सरकार की मंशा है। अब धीरे धीरे खेतीबाड़ी में तकनीकी चीजों का उपयोग अधिक होने लगा है। इसी तकनीकी चीजों में डोन (drone) भी शामिल है।
अधिकांश जगहों में देखा होगा कि अब खेतों में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। इसके उपयोग से किसानों का खेती में मुनाफा अधिक बढ़ा है। इससे पीछे की वजह यह है कि खड़ी फसलों में कीटानाशकों को मारने के लिए दवा का ड्रोन तकनीकी से आराम से छिड़काव हो जाना है, जिससे फसलों का नुकसान कम होता है। अपने देखा होगा कि पहले या फिर अभी जहां ड्रोन का उपयोग नहीं होता है... किसान फसलों में लगे कीटाणुओं को मारने के लिए दवा का छिड़काव करने के लिए बीच फसलों में उतरना पड़ता है। इससे फसलों को काफी नुकसान होता है। हालांकि खेती में ड्रोन के उपयोग होने से यह नुकसान बंद हो गया है। वहीं, सरकार ड्रोन खरीदने के लिए किसानों को सब्सिडी तक प्रदान कर रही है।
इतने रुपये की मिल रही सब्सिडी
सरकार किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से किसान को ड्रोन खरीदने के लिए उसकी लागत के 50 फीसदी की दर से अधिकतम 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। यह सहायता देश के छोटे और सीमांत किसान, महिला किसान और उत्तर पूर्वी राज्यों के किसानों को मिल रही है। वहीं, इनको छोड़कर अन्य किसानों को ड्रोन को खरीदने पर 40 फीसदी की दर से अधिकतम 4 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है।
ड्रोन के इस्तेमाल से यह मिलता लाभ
एक कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि खेती में ड्रोन का उपयोग होने से खेती की लागत में पहले तो कमी आती है। वहीं,दूसरी ओर सामान्य तरीके के मुकाबले 25 फीसदी दवा खेतों में कम पड़ती है। इसका सीधा फायदा किसानों को मिलता है। ड्रोन के उपयोग करने से पत्ते साफ होते हैं, जिससे फोटो सिंथेसिस अच्छा होता है और पौधों की उत्पादन क्षमता 12 से 15 फ़ीसदी बढ़ जाती है।