CNG-PNG Price: महंगाई से त्रस्त जनता को मिली बड़ी राहत, सस्ती हुई CNG-PNG, जानें कितना घटा दाम

CNG-PNG Price: नई कीमतें शनिवार 8 अप्रैल की रात्रि 12 बजे से लागू हो गई हैं। एटीजीएल के इस कदम से लोगों के किचन का बजट सुधरेगा और यात्रा भी सस्ती होगी।

Update:2023-04-08 13:50 IST
CNG PNG Price (photo: social media )

CNG-PNG Price: लगातार बढ़ती महंगाई और घटती कमाई से जूझ रही आम जनता की शनिवार सुबह की शुरूआत एक गुड न्यूज से हुई। अडानी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) ने कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) की कीमत में 8.13 रूपये प्रति किलोग्राम और पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) की कीमत में 5.06 रूपये प्रति घन सेंटीमीटर तक की कमी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई कीमतें शनिवार 8 अप्रैल की रात्रि 12 बजे से लागू हो गई हैं। एटीजीएल के इस कदम से लोगों के किचन का बजट सुधरेगा और यात्रा भी सस्ती होगी।

एटीजीएल ने कीमतों में कटौती का फैसला केंद्रीय कैबिनेट के उस निर्णय के बाद लिया है, जिसमें नेचुरल गैस की कीमत को इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के इंडियन बास्केट से जोड़ा गया है। गुरूवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में डॉमेस्टिक गैस प्राइसिंग के इस नए फॉर्मूले की जानकारी दी थी। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि शनिवार को सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बड़ी कटौती हो सकती है।

क्या कहा था केंद्रीय मंत्री ने ?

गुरूवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने घरेलू गैस की कीमतों को लेकर केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लिए गए नए निर्णय की जानकारी देते हुए बताया था कि घरेलू नेचुरल गैस की कीमत को अब इंटरनेशन हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक कर दिया गया है। गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के अंतरराष्ट्रीय दाम का 10 प्रतिशत होगी। कीमतें अब छह महीने की बजाय हर महीने तय की जाएंगी।

ठाकुर ने आगे कहा था कि नया फॉर्मूला उपभोक्ताओं और प्रोड्यूसर्स दोनों के हितों के बीच संतुलन बनाएगा। अभी गैस की कीमतें न्यू डोमेस्टिक गैस प्राइसिंग गाइडलाइन्स, 2014 के मुताबिक तय की जाती है। कीमतों में बदलाव 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को होता है।

नई पॉलिसी के फायदे

ऊर्जा जानकारों की मानें तो नई पॉलिसी के कई फायदे हैं। सबसे अहम तो ये कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से उपभोक्ता और प्रोड्यूसर प्रभावित नहीं होंगे। नए फॉर्मूले से फर्टिलाइजर सेक्टर और पॉवर सेक्टर को सस्ती गैस मिल सकेगी। जिससे फर्टिलाइजर प्रोडक्शन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी और बिजली उत्पादन में कोयले पर निर्भरता को कम किया जा सकेगा। नई पॉलिसी से डोमेस्टिक गैस प्रोड्यूसरों को भी बुस्ट मिलेगा।

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