Crypto Currency News: क्रिप्टोकरेंसी बाजार में घमासान, डेढ़ लाख करोड़ डॉलर हो गए साफ

इस साल की शुरुआत से ही बिटकॉइन में 16 फीसदी और एथेरियम में 22 फीसदी की गिरावट आई है। बिटकॉइन तो पिछले 5 महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर गिर गया है।;

Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-01-22 19:33 IST
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किप्टो क्वाइन की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)
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Crypto Currency News: क्रिप्टोकरेंसियों के लिए ये साल बहुत कठोर साबित हो रहा है। क्रिप्टोकरेंसियों में भारी गिरावट के चलते बाजार से लगभग 1.57 ट्रिलियन डालर साफ हो गए हैं।

इस साल की शुरुआत से ही बिटकॉइन में 16 फीसदी और एथेरियम में 22 फीसदी की गिरावट आई है। बिटकॉइन तो पिछले 5 महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर गिर गया है। नवम्बर के बाद से बिटकॉइन में 40 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। नवंबर 2021 में बिटकॉइन 69,000 डॉलर तक पहुंच गया था और अब ये इसके आधे के करीब रह गया है।

पिछले 24 घंटों में ही विभिन्न क्रिप्टोकरेंसियों का लगभग 150 अरब डॉलर का बाजार पूंजीकरण खत्म हो गया है।कल से बिटकॉइन 8.57 प्रतिशत और एथेरियम 14.67 प्रतिशत, कार्डानो 17.69 प्रतिशत और सोलाना 23.44 प्रतिशत गिर गई है।

क्रिप्टोकरेंसियों की इस हालत के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार हैं जिनमें कजाकिस्तान के दंगे और रूस द्वारा क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात सबसे प्रमुख है। सेंट्रल रशियन बैंक ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, सर्कुलेशन, माइनिंग और अन्य संबंधित गतिविधियों पर एक व्यापक प्रतिबंध लागू करने के अपने इरादे की घोषणा की है। चूंकि अमेरिका और कजाकिस्तान के बाद रूस सबसे प्रमुख क्रिप्टो माइनिंग हब है इसलिए उसके द्वारा प्रतिबंध की बात बहुत मायने रखती है।

किप्टों की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)
किप्टों की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

इसके अलावा अमेरिका के फेडरल रिजर्व का कठोर रुख, मार्च 2022 में संभावित ब्याज वृद्धि दर और आईटी क्षेत्रों का कमजोर प्रदर्शन भी क्रिप्टो बाजार पर खराब इम्पैक्ट बढ़ा रहा है। अमेरिका में मुद्रास्फीति को कंट्रोल करने के लिए फेडरेल रिज़र्व द्वारा इस वर्ष के दौरान कई बार ब्याज दरों में वृद्धि की उम्मीद है। इससे क्रिप्टो जैसे जोखिम भरे निवेश से लोग विरत हो सकते हैं।

जो ट्रेंड है उससे लगता है कि अभी क्रिप्टो बाजार और भी नीचे जाएगा। बहुत से निवेशक मौजूदा समय में अपना निवेश निकाल रहे हैं लेकिन काफी संख्या ऐसे निवेशकों की भी है जो मंदी के दौर में खरीदारी कर रहे हैं, इस उम्मीद में कि बाजार फिर पुराने लेवल पर पहुंच जाएगा।

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