Petrol-Diesel Demand In UP : पेट्रोल-डीजल की मांग में गिरावट, सरकार न चेती तो महंगाई होगी बेलगाम

देश में 1 से 15 अप्रैल में पेट्रोल की बिक्री तकरीबन 10 फीसदी, वहीं डीजल की 15.6 प्रतिशत घटी है। यूपी में पेट्रोल की बिक्री लगभग 8 फीसदी और डीजल की बिक्री 11 फीसद घटी है।

Newstrack :  Rishi Bharadwaj
Published By :  aman
Update:2022-05-02 17:30 IST

पेट्रोल-डीजल की कीमत (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Petrol-Diesel Demand In UP : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (yogi government) के लिए खतरे की घंटी बज गई है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि सूबे में 1 अप्रैल से लेकर 2 मई के बीच पेट्रोल और डीजल (Petrol And Diesel) की मांग में बड़े स्तर पर कमी देखने को मिली है। जबकि, पेट्रोल और डीजल सूबे की अर्थव्यवस्था (Economy) को मजबूत करने का काम करते हैं। ऐसे में राजकोष पर इसका असर देखने को मिलेगा। आपको बता दें, 22 मार्च के बाद से पेट्रोल और डीजल के मूल्य में 10 रुपए की बढ़त दर्ज हुई है। यह 20 सालों में 15 दिन में हुई सबसे बड़ी मूल्य वृद्धि है।

आकड़ों के मुताबिक, देश में 1 से 15 अप्रैल में पेट्रोल की बिक्री तकरीबन 10 फीसदी, वहीं डीजल की 15.6 प्रतिशत घटी है। यूपी में पेट्रोल की बिक्री लगभग 8 फीसदी और डीजल की बिक्री 11 फीसद घटी है।

क्या कहते हैं जानकार?

राघवेंद्र श्रीवास्तव अर्थशास्त्र के जानकार हैं। उनके मुताबिक दुलाई का काम ट्रकों से अधिक होता है। ऐसे में यदि डीजल की मांग में कमी आई है तो निश्चित ही महंगाई बढ़ेगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जब सप्लाई बाधित होती तो कीमतें अपने आप बढ़ने लगेंगी। यदि सरकार की तरफ से कदम नहीं उठाए गए तो महंगाई बेलगाम हो जाएगी। वहीं, पेट्रोलियम कारोबारी अमित मित्तल कहते हैं, कि पहले हमारे डीजल टैंकर एक दिन में कई चक्कर लगाते थे। लेकिन अब ये आधे चक्कर लगा रहे हैं। डिमांड कम है। ट्रांसपोर्टर पुराने भाड़े पर माल सप्लाई नहीं कर रहे और माल मंगाने वाला बढ़ी दर पर ढुलाई देने को तैयार नहीं है। विनोद ट्रांसपोर्टर है उनका कहना है कि जब माल बुक होता है तो हम उसमें बचत भी जोड़ के भाड़ा बताते हैं। लेकिन जब हमें बचत नहीं मिलेगी तो हम गाड़ी सड़क पर क्यों लाएं।


मज़बूरी में दाम बढ़ाने पड़ेंगे 

इसी तरह, सब्जी के बड़े आढ़ती अशफाक मियां कहते हैं डीजल के दाम बढ़ गए हैं। ट्रांसपोर्टर ने भाड़ा बढ़ा दिया है। अभी जो माल मंडी में है वो पर्याप्त नहीं कि शहर की भूख मिटा सके। हम जब अधिक कीमत देकर माल लायेंगे तो मज़बूरी में हमें भी दाम बढ़ाने पड़ेंगे।

लखनऊ का क्या है हाल? 

लखनऊ पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी आलोक त्रिवेदी से हमने सवाल किया। लखनऊ के हालातों को लेकर उन्होंने बताया, कि पिछले दो महीने में शहर में डीजल और पेट्रोल की मांग में 2 फीसदी की कमी देखने को मिली है। चुनाव के दौरान भी मांग में कोई वृद्धि नहीं हुई। उन्होंने बताया कि 'इस समय लखनऊ में प्रति पंप डीजल और पेट्रोल की महीने की खपत सिर्फ 100 किलो लीटर की बची है। पिछले दो साल की बात करें, तब भी ऐसे हालत नहीं थे। उन्होंने बताया इस समय शहर में 167 पंप हैं।' आलोक ने कहा, ये हाल सिर्फ शहर का नहीं है बल्कि पूरे प्रदेश का यही हाल है। आलोक बताते हैं कि हमें इस समय खर्चे निकालने मुश्किल हो रहे हैं। यही हालात रही तो पंप बड़े नुकसान में आ जाएंगे।


पेट्रोल पंप का हाल

अशोक, इंडियन ऑयल के पंप पर मैनेजर हैं। उन्होंने बताया पिछले साल अक्टूबर से लेकर जनवरी तक हमारा पंप हर दिन लगभग 12 से 25 किलो लीटर डीजल और पेट्रोल की खपत करता था। लेकिन अब 4 से 5 दिन लग जाते हैं। ग्राहक कम आते हैं जो आते भी हैं वो 50-60 का पेट्रोल लेते हैं। बड़ी गाड़ियां जो लाइन लगाकर डीजल लेती थी पिछले कुछ दिनों से उन्होंने आना बंद कर दिया है।


कम माइलेज वाली गाड़ी हटा रहे 

जब हम अशोक से बात कर रहे थे, पास में विकास पेट्रोल ले रहे थे उन्होंने बताया कि पहले उनके पास आर-15 थी। उसे बेच दिया उन्होंने पिछले महीने और अब स्प्लेंडर से चल रहे हैं। मुरारी अपनी सीटी 100 की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं कि मेरे पास बुलेट थी, मार्च में उसे बेच दिया और अब इससे चलता हूं। 105 रु का पेट्रोल डलवा के 60-70 किमी तो चलती है। बुलेट ने तो जेब पर डाका डालना शुरू कर दिया था।          


उत्तर प्रदेश में वैट

पेट्रोल 19.36% or Rs 14.85/ ली. जो उच्चतर हो

डीजल 17.08% or Rs 10.41/ली. जो उच्चतर हो

इसके बाद अब राज्य और केंद्र सरकार को देखना होगा कि पेट्रोल और डीजल के दाम किस कम हों क्योंकि डीजल की मांग में कमी आई तो महंगाई डायन सुरसा बन जांएगी।

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