Digital Payment: चार गुना बढ़ा डिजिटल पेमेंट, 13 अरब से ज्यादा लेनदेन
Digital Payment:यूपीआई भारत की मोबाइल आधारित तेज भुगतान प्रणाली है जिससे ग्राहक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का इस्तेमाल करके चौबीसों घंटे तुरंत भुगतान कर सकते हैं।
Digital Payment: भारत में पिछले तीन साल में मासिक रियल-टाइम भुगतान में चार गुना की बढ़ोतरी हुई है और लेनदेन की संख्या 2.6 अरब से बढ़कर 13.3 अरब हो गई है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप - क्यूईडी इन्वेस्टर्स की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में रियल-टाइम पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर में डायरेक्टरी और क्यूआर कोड की उपलब्धता काफी महत्वपूर्ण रही है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की इस उपलब्धि में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और सरकार की काफी अहम भूमिका है।
भारत का यूपीआई
यूपीआई भारत की मोबाइल आधारित तेज भुगतान प्रणाली है जिससे ग्राहक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का इस्तेमाल करके चौबीसों घंटे तुरंत भुगतान कर सकते हैं। भारत में रिटेल डिजिटल पेमेंट्स के लिए इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। अब सब्जीवाले से लेकर ऑटो चालक भी यूपीआई पेमेंट लेने लगे हैं।बीते कुछ सालों से भारत में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ा है। छोटी मोटी खरीदारियां भी यूपीआई जैसे माध्यमों से की जा रही हैं। इस सिस्टम में रकम का भुगतान रियल टाइम में बैंक खातों के बीच होता है।
तेजी से बढ़ रही लोकप्रियता
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के वैकल्पिक भुगतान चीन और भारत जैसे देशों में पहले से ही बेहद लोकप्रिय हैं और अन्य विश्व बाज़ारों में भी इनका प्रचलन बढ़ रहा है।हालाँकि, 2023 में चीन सबसे आगे रहा जहाँ वैकल्पिक भुगतानों ने 2023 में पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में होने वाले कुल ई-कॉमर्स भुगतान मूल्य का लगभग दो-तिहाई हिस्सा लिया। वहीं भारत में 2018 से वैकल्पिक भुगतान विधियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पता चला है कि फिलीपींस, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों नकदी-प्रधान देशों में भी इसी तरह की प्रवृत्ति देखी जा रही है। यह प्रवृत्ति बढ़ती स्मार्टफोन और इंटरनेट पहुँच, इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की बढ़ती सुविधा और मोबाइल और क्यूआर कोड-आधारित भुगतान समाधानों के प्रसार से प्रेरित है।
हिताची को अनुमति
इस बीच बहिताची पेमेंट सर्विसेज को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमति मिल गई है।।हिताची पेमेंट ने एक बयान में कहा है कि इससे कंपनी अपने डिजिटल सॉल्यूशन और सेवाओं का विस्तार कर सकेगी
जिसमें यूपीआई, नेट बैंकिंग, कार्ड और वॉलेट के साथ-साथ ईएमआई, बाद में भुगतान, अभी खरीदें बाद में भुगतान करें, लिंक-आधारित भुगतान और व्यापारियों के लिए लॉयल्टी समाधान शामिल हैं।