2022 में था 22.5 बिलियन डॉलर, अब सैलरी देने के लिए नहीं पैसे...बायजू रवींद्रन ने रखा घर गिरवी रखा

Byju Raveendran: जुलाई 2022 में बायजूज़ 22.5 बिलियन डॉलर मूल्य के साथ भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप में शुमार था और एक ही साल के अंदर कंपनी की हालत इतनी खराब हो गई कि कर्मियों के वेतन के लिए पैसे नहीं है।

Report :  Viren Singh
Update: 2023-12-05 12:36 GMT

Byju Raveendran (सोशल मीडिया) 

Byju Raveendran: एक समय था, जब भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी में बड़ा बड़ा नाम लिखा होने और टीवी विज्ञापन में शाहरुख खान के दिखाई देने से देश की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी बायजू लोगों के दिलो-दिमाग में छाई हुई थी। कोविड-19 के दौरान जब देश में लॉकडाउन लगा और कुछ समय बाद शिक्षा व्यवस्था ऑनलाइन हो हुई तो कंपनी की झोली खूब भरी। यह बायजू का स्वर्णिम काल था, लेकिन अब कंपनी के हालत ऐसे खराब हो गए हैं कि कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं। पैसे देने के लिए धन प्रबंधन के लिए कंपनी के मालिक को अपना और अपने सगे संबंधियों का घर गिरवी तक रखना पड़ गया है। इस बात का खुलासा ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट से हुआ है।

रवींद्रन कंपनी को चालू रखना चाहते  

ब्लूमबर्ग ने 4 दिसंबर, 2023 को बायूज को लेकर एक रिपोर्ट जारी। इस रिपोर्ट में कहा कि एडटेक कंपनी बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए पैसे जुटाने के लिए अपने घर के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाले घर को भी गिरवी रख दिया है, क्योंकि कंपनी नकदी संकट से जूझ रही है। रवींद्रन कंपनी को चालू रखने और उसके वित्तीय दबावों को कम करने के लिए अपनी लड़ाई में हर संभव प्रयास कर रहा हैं।

ये संपत्ति गिरवी रखीं

नाम न छापने की शर्त पर लोगों ने बताया कि दक्षिण भारत के बेंगलुरु में पूर्व अरबपति के परिवार के स्वामित्व वाले दो घर और एप्सिलॉन में उनका निर्माणाधीन विला शहर का एक आलीशान गेटेड समुदाय को 12 मिलियन डॉलर उधार लेने के लिए संपार्श्विक के रूप में पेश किया गया था। हालांकि यह जानकारी सार्वजनिक नहीं है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप ने सोमवार को बायजू की मूल कंपनी, थिंक एंड लर्न प्राइवेट में 15,000 कर्मचारियों को वेतन देने के लिए धन का उपयोग किया।

2 दिसंबर को तकनीकी खराबी' के कारण करीब 1000 कर्मचारियों के वेतन में देरी का मामला सामने आया था। इस पर कंपनी ने कहा था कि वह समस्या को ठीक करने के लिए काम कर रही है और उसने 4 दिसंबर तक लंबित राशि जमा करने की योजना बनाई है। जिन कर्मचारियों के वेतन में देरी हुई है, वह मूल कंपनी - थिंक एंड लर्न के अंतर्गत आते हैं। हालांकि सहायक कंपनी आकाश इंस्टीट्यूट से जुड़े कर्मचारी के वेतन में देरी नहीं हुई।

ईडी का भी मिला नोटिस 

संकटग्रस्त यूनिकॉर्न कंपनी लगातार संकटों का सामना कर रही है। इससे पहले 21 नवंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बायूज पर फेमा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगते हुए एक नोटिस जारी किया था और स्पष्टीकरण मांगा था। ईडी ने फेमा के तहत 9362.35 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस बात की जानकारी कंपनी ने भी दी थी। वहीं, उसी दिन डच निवेशक प्रोसस वेंचर्स ने बायजू मे निवेश वैल्यू को आधे से अधिक घटाकर $3 बिलियन से कम कर दिया था, जो कि कंपनी के लिए एक और झटका था। जुलाई 2022 में बायजूज़ 22.5 बिलियन डॉलर मूल्य के साथ भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप में शुमार था और एक ही साल के अंदर कंपनी की हालत इतनी खराब हो गई कि कर्मियों के वेतन के लिए पैसे नहीं है।

BCCI को भी देने है करोड़ों रुपए

इसके अलावा एड-टेक फर्म को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी कई करोड़ राशि का भुगतान करना है। BCCI का कंपनी के ऊपर 158 करोड़ रुपये की राशि बकाया है, भुगतान नहीं होने पर बोर्ड ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का दरवाजा खटखटाया है। 28 नवंबर को फर्म ने यह भी कहा कि वह बेंगलुरु नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में उसके खिलाफ दायर एक लंबित दिवालिया मामले को निपटाने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ बातचीत कर रही है। बीसीसीआई ने सितंबर में एनसीएल की बेंगलुरु बेंच में आवेदन किया था।

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