चुनावी नतीजों के बाद पहला झटका, PF ब्याज दरों में भारी कटौती, चार दशकों में सबसे कम मिलेगा ब्याज
EPFO News : गुवाहाटी में आयोजित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की 230 वीं बैठक में ये फैसला लिया गया। ब्याज दरें वित्तीय वर्ष 2020-21 में मिलने वाली 8.5 प्रतिशत से कम रहेगी।
केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) की ब्याज दरों पर बड़ा निर्णय लेते हुए भारी कटौती पर मुहर लगा दी है। सरकार के इस फैसले के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने शनिवार को नई घोषणा की। जिसमें बताया, कि भविष्य निधि में जमा राशि पर चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 8.1 प्रतिशत की ब्याज दर मिलेगी। यह बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में मिलने वाली 8.5 प्रतिशत से कम रहेगी।
केंद्र सरकार द्वारा यह निर्णय शनिवार को असम के गुवाहाटी में आयोजित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की 230वीं बैठक में लिया गया। आपको बता, दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सभी खाताधारकों से संबंधित और ब्याज दरों को निर्धारित करने का काम केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) करता है। इसी की बैठक आज शनिवार, 12 मार्च 2022 को आयोजित की गई। बैठक के मद्देनजर खाताधारकों के लिए चालू वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज दरें निर्धारित की गई हैं।
इस वित्तीय वर्ष में निर्धारित की गई ईपीएफ की ब्याज दरों की तुलना यदि बीते वित्तीय वर्षों से करें तो यह चार दशकों से अधिक समय में सबसे बड़ी कटौती है। इससे पूर्व यह सूचना आ रही थी, कि कर्मचारी भाविष्य निधि संगठन वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए जमा भविष्य निधि की ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी कर सकती है। हालांकि, असल निर्णय इसके ठीक विपरीत रहा।
केंद्रीय न्यासी बोर्ड के फैसले के बाद 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर निर्धारित ब्याज दर अब वित्त मंत्रालय को सहमति के लिए भेजी जानी है, जिसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा इसकी पुष्टि के बाद ही ब्याज दर सुनिश्चित होगी।
जानें बीते वित्तीय वर्षों की ईपीएफ ब्याज दरें-
EPFO News : गुवाहाटी में आयोजित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की 230 वीं बैठक में ये फैसला लिया गया। ब्याज दरें बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में मिलने वाली 8.5 प्रतिशत से कम रहेगी2020-21 के लिए ब्याज दर 8.5 प्रतिशत
2019-20 के लिए ब्याज दर 8.5 प्रतिशत
2018-19 के लिए ब्याज दर 8.65 प्रतिशत
2017-18 के लिए ब्याज दर 8.65 प्रतिशत
2016-17 के लिए ब्याज दर 8.65 प्रतिशत
2015-16 के लिए ब्याज दर 8.8 प्रतिशत