भारत में FDI पर नहीं पड़ा कोरोना काल का असर, 2020 में 13 फीसदी बढ़ा
भारत को ये निवेश डिजिटल सेक्टर में मिला है। वर्ल्ड इकनोमिक फोरम की दावोस वर्चुअल बैठक के ठीक पहले अंकटाड (यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट) ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें ग्लोबल आर्थिक स्थितियों का वर्णन किया गया है।
लखनऊ: वर्ष 2020 पूरी दुनिया के लिए बहुत खराब रहा है। कोरोना महामारी और उसके साथ आये आर्थिक संकट ने तबाही मचा रखी है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का बहुत बड़ा औजार है जिसमें अमेरिका हमेशा टॉप पर रहता था। लेकिन 2020 में चीन ने अमेरिका को इस मामले में पीछे धकेल दिया । बीते साल चीन को 163 बिलियन डालर का एफडीआई मिला जबकि अमेरिका सिर्फ 134 बिलियन डालर ही पा सका। लेकिन सबसे बढ़िया प्रदर्शन भारत का रहा जिसने 13 फीसदी ज्यादा एफडीआई हासिल कर लिया।
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भारत को ये निवेश डिजिटल सेक्टर में मिला है। वर्ल्ड इकनोमिक फोरम की दावोस वर्चुअल बैठक के ठीक पहले अंकटाड (यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट) ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें ग्लोबल आर्थिक स्थितियों का वर्णन किया गया है। 2020 में सिर्फ दो देश- भारत और चीन थे जिनको २०१९ की तुलना में कहीं ज्यादा निवेश मिला।
चीन ने अमेरिका को पीछे किया
कोरोना महामारी और वायरस फैलाने की बदनामी के बावजूद 2020 में चीन को 163 बिलियन डालर का इनफ्लो मिला। जबकि अमेरिका में ये 134 बिलियन डालर ही रहा। 2019 में अमेरिका ने 251 बिलियन डालर हासिल किये थे जबकि चीन को 140 बिलियन डालर मिले थे।
विश्व स्तर पर एफडीआई घटा
यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में ग्लोबल एफडीआई 42 फीसदी नीचे गया है। 2009 के वैश्विक आर्थिक संकट में भी ये स्थिति नहीं हुई थी। उस समय एफडीआई 30 फीसदी घटा था। एफडीआई इनफ्लो से पता चलता है कि किसी देश के लोग और कम्पनियाँ किसी अन्य देश में कारखाने, बिजनेस या दफ्तर खोलने में पैसा लगा रहे हैं। 2020 में विकासशील देशों से कहीं ज्यादा स्थिति विकसित देशों की हुई।
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विकसित देशों में निवेश 69 फीसदी कम हुआ और अमेरिका में ये 49 फीसदी नीचे गया।वहीं विकासशील देशों में निवेश सिर्फ 12 फीसदी घटा। चीन में निवेश 4 फीसदी और भारत में तो 13 फीसदी बढ़ा है। विकासशील देशों को 2020 में 616 बिलियन डालर कम निवेश मिला। यूरोपियन यूनियन की बात करें तो वहां निवेश दो तिहाई घाट गया। यूनाइटेड किंगडम में तो शून्य निवेश हुआ।
रिपोर्ट- नीलमणि लाल
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