Union Budget 2023: इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में जाने की जबर्दस्ती नहीं -वित्त मंत्री

Union Budget 2023: वित्त मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि सरकार किसी को भी पुरानी से नई इनकम टैक्स व्यवस्था में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर नहीं कर रही है। लोगों के सामने नई या पुरानी व्यवस्था चुनने का विकल्प है। नई व्यवस्था में टैक्स की दर कम है लेकिन छूट क्लेम करने का स्कोप नहीं है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2023-02-01 14:52 GMT

Finance Minister Nirmala Sitharaman (Social Media)

Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बजट 2023 मुख्य रूप से चार प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित है - महिलाओं को सशक्त बनाना, पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करना, देश के लिए अपने हाथों से पारंपरिक रूप से मेहनत करने वालों की मदद करना और हरित विकास। वित्त मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि सरकार किसी को भी पुरानी से नई इनकम टैक्स व्यवस्था में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर नहीं कर रही है। लोगों के सामने नई या पुरानी व्यवस्था चुनने का विकल्प है। नई व्यवस्था में टैक्स की दर कम है लेकिन छूट क्लेम करने का स्कोप नहीं है।

इनकम टैक्स व्यवस्था

केंद्रीय बजट में आयकर छूट की सीमा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है। नई कर व्यवस्था अब डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था होगी, यानी रिटर्न भरते समय यही सामने आयेगा। हालाँकि कोई चाहे तो पुरानी व्यवस्था चुन सकता है। वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था में टैक्स स्लैब की संख्या भी कम कर दी है।

नई व्यवस्था की पेशकश

वित्त मंत्री ने जो नई टैक्स व्यवस्था प्रस्तावित की है उसको भी जानना जरूरी है। पुरानी व्यवस्था में 80सी, 80डी, 80टी, इत्यादि के तहत कटौती मान्य है। वर्तमान व्यवस्था में ऐसी अधिकांश कटौतियां उपलब्ध नहीं हैं। अब प्रस्तावित व्यवस्था में वेतन पर स्टैण्डर्ड डिडक्शन, फॅमिली पेंशन पर स्टैण्डर्ड डिडक्शन और प्रस्तावित नए सेक्शन 80सीसीएच यानी अग्निवीर कार्पस फंड में दी गयी रकम पर डिडक्शन मिलेगा।

जो छूट पुरानी और वर्तमान में मिल रही हैं वह प्रस्तावित व्यवस्था में भी ज्यों की त्यों रखी गईं हैं। सबसे बड़ा बदलाव स्लैब में किया गया है। पुरानी व्यवस्था में ढाई लाख रुपये तक की आय पर शून्य टैक्स है। ढाई लाख एक रुपये से पांच लाख रुपये तक 5 फीसदी टैक्स है, पांच लाख एक रुपये से दस लाख रुपये तक 20 फीसदी टैक्स और दस लाख एक रुपये से आगे की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स पड़ता है।

वर्तमान आयकर व्यवस्था

वर्तमान व्यवस्था में ढाई लाख रुपये तक की आय पर शून्य टैक्स है। ढाई लाख एक रुपये से पांच लाख रुपये तक 5 फीसदी टैक्स है, पांच लाख एक रुपये से साढ़े सात लाख रुपये पर दस फीसदी टैक्स है, साढ़े सात लाख एक रुपये से दस लाख रुपये पर 15 फीसदी टैक्स है तथा दस लाख एक रुपये से 12 लाख 50 हजार रुपये पर 20 फीसदी तथा 12 लाख 50 हजार एक रुपये से 15 लाख रुपये तक 25 फीसदी टैक्स और 15 लाख एक रुपये से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स है।

नयी आयकर व्यवस्था

नई प्रस्तावित व्यवस्था में तीन लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं, 3 लाख एक रुपये से 6 लाख रुपये तक 5 फीसदी, 6 लाख एक रुपये से 9 लाख रुपये पर 10 फीसदी, 9 लाख एक रुपये से 12 लाख रुपये तक 15 फीसदी, 12 लाख एक रुपये से 15 लाख रुपये तक 20 फीसदी और 15 लाख एक र्य्प्ये से उपकर के एंकोमे पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। यानी पुरानी व्यवस्था में तीन स्लैब थे, वर्तमान में 6 स्लैब हैं जबकि प्रस्तावित व्यवस्था में 5 स्लैब होंगे। 

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