GST Collections: GST क्लेक्शन में उछाल का दौर जारी, फरवरी 1.49 लाख करोड़ रुपए आया रेवेन्यू
GST Collections: फरवरी 2023 में GST के लागू होने के बाद से 11,931 करोड़ रुपये का उच्चतम उपकर संग्रह देखा गया। अप्रैल 2022 में संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
।GST Collections: आर्थिक मोर्च पर सरकार के लिए राहत वाली खबर आई है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को फरवरी के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ें जारी कर दिये हैं। मंत्रालय के मुताबिक, फरवरी में जीएसटी संग्रह 12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया। जो फरवरी 2022 के जीएसटी संग्रह से 12 प्रतिशत अधिक है। यह लगातार 12वां महीना है, जब सरकार को मासिक जीएसटी राजस्व 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्राप्ता हुआ है।
अप्रैल 2022 में आया अब तक सबसे बड़ा क्लेक्शन
माल के आयात से साल-दर-साल राजस्व 6 प्रतिशत अधिक था और सेवाओं के आयात सहित घरेलू लेनदेन 15 प्रतिशत अधिक था। फरवरी 2023 में GST के लागू होने के बाद से 11,931 करोड़ रुपये का उच्चतम उपकर संग्रह देखा गया। जनवरी के लिए जीएसटी संग्रह लगभग 1.56 लाख करोड़ रुपये था, जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा संग्रह था। अप्रैल 2022 में अब तक का सबसे अधिक जीएसटी संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा।
जानिए कहां-कहां से आया क्लेक्शन
मंत्रालय के मुताबिक, फरवरी 2023 के महीने में सकल जीएसटी राजस्व 1,49,577 करोड़ रुपये का प्राप्त हुआ है। इसमें सीजीएसटी 27,662 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 34,915 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 75,069 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 35,689 करोड़ रुपये सहित उपकर) है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 11,931 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 792 करोड़ रुपये सहित) है।
पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी बढ़ा राजस्व
फरवरी 2023 के महीने का राजस्व फरवरी 2022 में जीएसटी राजस्व से 12 प्रतिशत अधिक है, जो कि 1.33 लाख करोड़ रुपये था। मंत्रालय ने कहा कि आम तौर पर फरवरी, 28 दिन का महीना होने के कारण राजस्व का संग्रह अपेक्षाकृत कम होता है।
केंद्र सरकार ने जारी किया प्रदेशों को जीएसटी मुआवजा
बता दें कि जून 2022 के महीने के लिए 16,982 करोड़ रुपये का शेष जीएसटी मुआवजा और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 16,524 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा जारी किया गया है। राज्यों में महाराष्ट्र में सबसे अधिक 22,349 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ। इसके बाद कर्नाटक में 10,809 करोड़ रुपये और गुजरात में 9,574 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ।