निवेशकों को तगड़ा झटका: म्यूचुअल फंड की ये स्कीम होगी बंद, जल्द करें ये काम  

इस संकट को देखते हुए फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड  गुरुवार को अपनी डेट स्कीम्स में से छह को बंद करने का फैसला किया है। इन सभी का ऐसट बेस 25,856 करोड़ रुपये है। 

Update: 2020-04-24 06:57 GMT

नई दिल्ली: कोरोना की मार अब हर क्षेत्र में पड़ रही है। आर्थिक दृष्टी से देखा जाय तो कोरोना का असर अब फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड पर देखने को मिल रहा है। इस संकट को देखते हुए फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड गुरुवार को अपनी डेट स्कीम्स में से छह को बंद करने का फैसला किया है। इन सभी का ऐसट बेस 25,856 करोड़ रुपये है। कंपनी का का कहना है कि इस माहौल में तेजी से निवशकों ने पैसा निकाला है। ऐसे में कंपनी के पास पैसों की कमी हो गई है।

फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड की ये स्कीम्स होंगी बंद

1-फ्रेंकलिन इंडिया टेम्पलटन लो ड्यूरेशन फंड (Franklin India Low Duration Fund)

2-फ्रेंकलिन इंडिया टेम्पलटन शॉर्ट बॉन्ड फंड (Franklin Ultra Short Bond Fund)

3-फ्रेंकलिन इंडिया टेम्पलटन शॉर्ट टर्म इनकम प्लान (Franklin Short Term Income Plan)

4-फ्रेंकलिन इंडिया टेम्पलटन क्रेडिट रिस्क फंड (Franklin Credit Risk Fund)

5-फ्रेंकलिन इंडिया टेम्पलटन डायनामिक एक्यूरियल फंड (Franklin Dynamic Accrual Fund)

6-फ्रेंकलिन इंडिया टेम्पलटन इनकम ऑपरच्यूनिटी फंड (Franklin Income Opportunities Fund)

फ्रेंकलिन इंडिया टेम्पलटन क्यों बंद कर रहा स्कीम्स (Franklin India Mutual Fund)

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कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस संकट की वजह से कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट में लिक्विडिटी यानी नकदी की कमी हो गई है। साथ ही, फिक्सड इनकम फंड्स स्कीम में भी तेजी से रिडम्पशन (म्युचूअल फंड्स से पैसा निकालना) बढ़ा है। इसीलिए एक लंबे विश्लेषण के बाद इन छह स्कीम्स को बंद करने का फैसला किया गया है।

निवेशकों में घबराहट

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि देश की 22 लााख करोड़ रुपये की म्युचूअल फंड्स इंडस्ट्री पर रिडम्पशन का दबाव अप्रैल में तेजी से बढ़ा है। फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन का ये फैसला निवेशकों में घबराहट लाएगी। ऐसे में निवेशक अन्य फंड्स से भी तेजी से पैसा निकाल सकते है।

क्या करें निवेशक

अक्सर ऐसे मामलों में स्कीम्स के अचानक बंद होने से निवेशकों के लिए पैसा निकालने पर ब्रेक लग जाता है, जब तक कि म्युचूअल फंड कंपनी अपनी सभी होल्डिंग को समाप्त कर पैसा नहीं जुटा लेती है।

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निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि 23 अप्रैल, 2020 को इन फंडों की कट-ऑफ टाइम में कोई भी खरीदारी नहीं कर पाएगा। साथ ही, इसमें से पैसा नहीं निकाल पाएंगे। अगर आपने किसी भी फंड में पैसा लगाया हैं, तो इसका मतलब है कि अब आप रिडीम नहीं कर सकते हैं आपका पैसा और आपका निवेश इन फंडों में बंद है, जब तक कि फंड हाउस आगे भुगतान नहीं करता है।

शिकायत बाजार नियामक सेबी के पास कर सकते हैं

अगर किसी भी तरह की कोई परेशानी हो तो इसकी शिकायत बाजार नियामक सेबी के पास कर सकते है। जब सेबी को आपकी शिकायत मिलती है तो वह स्वतः इस मामले को संबंधित म्यूचुअल फंड कंपनी के पास ले जाता है और इसका समाधान होने तक इसका फॉलो-अप करता रहता है।

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इसके अलावा हाल में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने कार्यक्षेत्र में लोकपालों को अब नई जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें इंश्योरेंस पॉलिसी या म्यूचुअल फंड स्कीम जैसे थर्ड पार्टी प्रॉडक्ट्स से संबंधित शिकायतें सुनने का अधिकार भी है।

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