Gold Loan Default : कोरोना काल में लिया 'गोल्ड लोन' एक लाख लोग नहीं चुका पाए, अब नीलाम होगा उनका सोना
गोल्ड लोन लेना जितना आसान है, उसे समय से न चुका पाना उतना ही कष्टप्रद। गोल्ड लोन लेकर समय पर भुगतान न कर पाने वाले ऐसे ही करीब एक लाख परिवारों का सोना बैंक और एनबीएफसी अब नीलाम करने की तैयारी में है।
Gold Loan Default : हाल के सालों में देश में घर में पड़े सोने पर लोन लेना एक चलन सा बन गया है। आज बहुतेरे ऐसे लोग हैं जो अपने आभूषण आदि पर लोन लेकर उसका मनचाहे काम में इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें, गोल्ड लोन (Gold Loan) लेना जितना आसान है, उसे समय से न चुका पाना उतना ही कष्टप्रद। गोल्ड लोन लेकर समय पर भुगतान न कर पाने वाले ऐसे ही करीब एक लाख परिवारों का सोना बैंक और एनबीएफसी (Bank & NBFC) अब नीलाम करने की तैयारी में है।
बीते कुछ साल में कई ऐसी फाइनेंस कंपनियां उभरी हैं जो आपके घर में पड़े सोने पर लोन उपलब्ध करवाती है। गोल्ड लोन बाजार में इस तरह के लोन देने वालों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी मुत्थूट फाइनेंस (Muthoot Finance) और मणप्पुरम फाइनेंस (Manappuram Finance) की रही है। ताजा मामले में इन दोनों फाइनेंस कंपनियों ने नोटिस जारी कर कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट (default) करने वालों का सोना नीलाम करने की बात कही है।
16 फरवरी को एक लाख से अधिक डिफॉल्टरों की बारी
अनुमानतः इसी बुधवार को नीलामी का पहला चरण शुरू किया जाएगा। आपको बता दें, कि एनबीएफसी (NBFC) और बैंक हर महीने ऐसे गोल्ड लोन के तहत सोने की नीलामी करते हैं। अब एक लाख से अधिक डिफॉल्टरों के सोने की नीलामी 16 फरवरी 2022 को होगी।
कहीं आर्थिक मंदी का संकेत तो नहीं ?
स्वर्ण बाजार और लोन मामलों के एक्सपर्ट का कहना है, कि 'गोल्ड लोन के बढ़ते डिफॉल्ट और सोने की नीलामी देश में आर्थिक मंदी (financial crisis) की ओर इशारा दे रही है। कोरोना महामारी के दौर में लाखों लोगों का रोजगार चौपट हो गया, व उनसे उनका पहले का काम छीन गया। ऐसे लोगों ने सोना गिरवी रखकर लोन लिया था। मगर, दोबारा आमदनी नहीं हो पाने के कारण इसे समय से चुका नहीं पा रहे हैं। यह ऐसी आर्थिक तंगी है जो दिखती नहीं है। बैंक इसका फायदा उठा रहे हैं।'
वरुण गांधी फिर बिफरे, कहा 'यही है नया भारत'
मौका मिलते ही बीजेपी नेता और सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर तंज भरे लहजे में लिखा, 'अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखते वक्त पुरुष का आत्मसम्मान भी गिरवी हो जाता है। किसी भी हिंदुस्तानी का जेवर या मकान गिरवी रखना अंतिम विकल्प होता है। महामारी और महंगाई की दोहरी मार झेल रहे आम भारतीयों को यह असंवेदनशीलता अंदर तक तोड़ देगी। क्या यही नए भारत के निर्माण की परिकल्पना है?'
बढ़ता ही जा रहा 'गोल्ड लोन' बाजार
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के आंकड़ों की मानें तो कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौरान इस कालखंड में देश में गोल्ड लोन का चलन तेजी से बढ़ा। जनवरी 2020 में यानी कोरोना आने से ठीक पहले पहले देश के वाणिज्यिक बैंकों (commercial banks) के कुल गोल्ड लोन (gold loan) का आकार मात्र 29,355 करोड़ रुपए था। यह दो साल में यानी कोरोना काल में ढाई गुना बढ़कर करीब 70,871 करोड़ तक पहुंच गया है। देश की सबसे बड़ी गोल्ड लोन कंपनी मुत्थूट फाइनेंस (Muthoot Finance) का कुल लोन पोर्टफोलियो इस दौरान 39,096 करोड़ से बढ़कर 61,696 करोड़ हो गया है। इसी से समझा जा सकता है कि हाल के दो साल में ही गोल्ड लोन का बाजार किस तेजी से बढ़ा है। लेकिन, वही लोन न चुका पाने की स्थिति में सोना-आभूषण जाने का भी डर बना रहता है।