Good News Pensioners: इस अनूठी फेस रिकग्निशन तकनीक से लाखों सेवानिवृत्त लोगों को पहुंचेगा लाभ, जानें इसके बारे में
Good News Pensioners: बायोमेट्रिक तकनीकी में फेस रिकग्निशन तकनीक भी शामिल है तथा इस तकनीकी का उपयोग फोटो, वीडियो अथवा वास्तविक समय में किसी भी व्यक्ति को पहचानने के लिए किया जा सकता है।
Good News Pensioners: अब पेंशन विभाग सहित सरकार का हर विभाग नवीनतम तकनीक के अनुरूप खुद को सक्षम बना रहा है। अब एक ऐसी अनूठी तकनीक आ गयी है जिससे सेवानिवृत्त लोगों को पेंशन वितरण करने की व्यवस्था आसान हो जाएगी। आइए इस लेख में जानते हैं इस तकनीकी के लाभ (Good News Pensioners) और काम करने की प्रक्रिया के बारे में-
डिजिटल इंडिया को लागू करने की दिशा में सरकार ने एक और कदम बढ़ा लिया है। सेवानिवृत्त लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने एक अद्वितीय फेस रिकग्निशन प्रौद्योगिकी (Unique Face Recognition Technology) अथवा चेहरे की पहचान कर काम करने वाली तकनीकी की शुरुआत की है जिसके चलते सेवानिवृत्त लोगों को अपने वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में बेहद आसानी होने वाली है। डिजिटल तरीके से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की यह सुविधा सेवानिवृत्त लोगों के लिए बेहद फायदेमंद (unique face recognition technology benefits) साबित होगी तथा इसके अतिरिक्त डिजिटल रूप से जमा प्रमाण पत्र के माध्यम से पेंशन लेने वाला व्यक्ति जीवित है अथवा नहीं, जैसी जानकारियाँ भी इस तकनीकी से पता लगाने में आसानी होगी।
बायोमेट्रिक तकनीकी में फेस रिकग्निशन तकनीक भी शामिल है तथा इस तकनीकी का उपयोग फोटो, वीडियो अथवा वास्तविक समय में किसी भी व्यक्ति को पहचानने के लिए किया जा सकता है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह (Union Minister of State for Personnel Jitendra Singh) ने सोमवार को इस अनूठी तकनीकी आधारित सुविधा को लांच करते हुए कहा कि-"इस तकनीकी के।माध्यम से सेवानिवृत्त लोगों और वरिष्ठ पेंशनभोगियों का जीवन सुगम हो जाएगा। इस फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग कर पेंशनभोगी के बारे में जानने में सहायता मिलेगी तथा जीवित पेंशनभोगी को पहचाना भी जा सकेगा।"
केंद्रीय राज्य मंत्री द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए फेस (retirees logon ke liye khushkhabri) रिकग्निशन की यह तकनीक एक बेहद सुविधाजनक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा है। इसी के साथ केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस तकनीक को विकसित करने के लिए अपने विभाग के विशेषज्ञों और कर्मचारियों को भी बधाई दी। इस तकनीकी का निर्माण भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) के अनुरोध पर किया गया है। इस तकनीकी का लाभ उठाने हेतु बिना किसी देरी के सभी सेवानिवृत्त लोगों को विगत वर्ष के अंत तक अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना आवश्यक रूप से अनिवार्य होगा तथा आगे अब इसी प्रमाण पत्र के आधार पर ही पेंशन जारी की जाएगी।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस विषय में कहा कि-"केंद्र सरकार सेवानिवृत्त लोगों की चिंताओं के प्रति सजग रही है और सरकार ने हमेशा उनके बोझ को कम करने का प्रयास भी किया है। 2014 में अपना पदभार ग्रहण करने के बाद केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्त लोगों के लिए एक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र सुविधा की भी शुरुआत की।" यह नई तकनीक लाखों सेवानिवृत्त लोगों के लिए एक ऐप (etired people how can use face recognition technology) का निर्माण करेगी जिसके द्वारा सेवानिवृत्त लोगों के लिए घर बैठे ही जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी। इस नई तकनीकी सुविधा के माध्यम से ना केवल केंद्र सरकार के 68 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बल्कि ईपीएफओ और राज्य सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी मदद मिलेगी। अगर सब कुछ सही प्रकार से चलता रहा तो जल्द ही यह नई तकनीक पेंशन वितरण की समग्र प्रणाली को तकनीकी रूप से बहुत सरल बना देगी।