कर्मचारियों के लिए बुरी खबर: नए साल से कम मिलेगी सैलरी, ये है बड़ी वजह
नए साल में केंद्र सरकार आपकी सैलरी को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार द्वारा नए कंपेनसेशन नियम को अप्रैल 2021 से लागू कर दिया जाएगा, जिसके बाद कर्मचारियों की इन-हैंड या टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी। नए वेतन नियमों के तहत कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करना होगा।
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते ना सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और नौकरी पर भी असर पड़ा है। नुकसान की भरपाई के लिए एक ओर जहां कुछ कंपनियों ने छंटनी की, वहीं दूसरी ओर कुछ कंपनियों ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की। लोगों को उम्मीद थी कि शायद नए साल में सबकुछ ठीक हो जायेगा, लेकिन अप्रैल 2021 से कर्मचारियों को एक और झटका लग सकता है।
गौरतलब है कि नया साल आने में बस एक दिन का समय बाकी है और नए साल में केंद्र सरकार आपकी सैलरी को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार द्वारा नए कंपेनसेशन नियम को अप्रैल 2021 से लागू कर दिया जाएगा, जिसके बाद कर्मचारियों की इन-हैंड या टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी। नए वेतन नियमों के तहत कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करना होगा।
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कम हो सकती है इन हैंड सैलरी
एक रिपोर्ट की मानें तो नए नियमों के तहत कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले पेमेंट स्ट्रक्चर में बदलाव किया जायेगा। आमतौर पर इन कंपनियों में नॉन-अलाउंस (Non-Allowance) हिस्सा कम होता है। कुछ मामलों में तो यह 50 फीसदी से बेहद कम होता है। इसके अलावा कर्मचारियों की ग्रेच्युटी (Gratuity) और प्रॉविडेंट फंड (Provident Fund) योगदान में एक ओर इजाफा होगा, तो वहीं हाथ में आने वाली सैलरी समान अनुपात में कम हो जाएगी।
फिलहाल ज्यादातर कंपनियों में बेसिक सैलरी की तुलना में अलाउंस कम्पोनेंट ज्यादा होता है, जिस वजह से है कि केंद्र सरकार के नए नियम के लागू हो जाने के बाद प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
रिटायरमेंट के बाद मिलेगा फायदा
जानकारी के लिए बता बता दें कि एक ओर नए नियम के तहत इन हैंड सैलरी कम होने से आपकी मौजूदा फाइनेंशियल प्लानिंग खराब हो सकती है। इसका असर आपके घरेलू खर्च, इन्वेस्टमेंट, और ईएमआई पर भी देखने को मिल सकता हुई। वहीं इससे आपको रिटायरमेंट के बाद काफी फायदा मिलेगा।
कैसे मिलेगा फायदा ?
गौरतलब है कि इसके लिए कंपनियों को सैलरी के बेसिक पे कंपोनेंट को बढ़ाना होगा, जिसके चलते ग्रेच्युटी पेमेंट और कर्मचारी की ओर से भरे जाने वाले प्रॉविडेंट फंड की रकम बढ़ जाएगी। सरल शब्दों में समझें, तो रिटायरमेंट के लिए डाली जाने वाली रकम बढ़ने का मतलब है कि आपकी टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी, लेकिन आपका रिटायरमेंट फंड बढ़ेगा।
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प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी होंगे प्रभावित
वर्तमान समय में ज्यादातर निजी कंपनियां कुल सीटीसी के बड़े हिस्से में गैर-भत्ते वाला हिस्सा कम और भत्ते वाला हिस्सा ज्यादा रखने को वरीयता देती हैं, लेकिन केंद्र सरकार के नए नियम से यह बदल जाएगा। इन नियमों से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन में बदलाव होगा क्योंकि आमतौर पर उन्हें ज्यादा भत्ता मिलता है।