Dal Stock Hoarding: लोगों की थाली से नहीं दूर होगी अरहर और उड़द की दाल, केंद्र ने लिया बड़ा निर्णय

Dal Stock Hoarding: सरकार ने कहा कि इन नियमों से प्रभावित सभी संस्थाओं को उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा प्रबंधित एक पोर्टल पर अपने स्टॉक की स्थिति की सूचना देनी होगी।;

Update:2023-06-03 16:29 IST
Dal Stock Hoarding (सोशल मीडिया)

Dal Stock Hoarding: देश के लोगों की थाली में अरहर और उड़द की दाल बनी और इसकी बढ़ती कीमतों पर अंशुक लगाकर लोगों को राहत मिले, इस पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने देर रात शुक्रवार को बढ़ती कीमतों के बीच जमाखोरी और अनुचित अटकलों पर अंकुश लगाने के लिए अरहर और उड़द दाल के स्टॉक पर सीमा (लिमिट) लगा दी है। स्टॉक लिमिट 31 अक्टूबर, 2023 तक लागू रहेगा और इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

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30 दिनों से अधिक स्टॉक पर प्रतिबंध

इस संदर्भ में उपभोक्ता मामले मंत्रालय की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि अरहर दाल और उड़द दाल पर स्टॉक लिमिट थोक विक्रेताओं से लेकर खुदरा विक्रेताओं, मिलरों और आयातकों जैसी कई संस्थाओं पर लागू होगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आयातकों को सीमा शुल्क निकासी के बाद 30 दिनों से अधिक के लिए आयातित स्टॉक रखने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इन लोगों के तय हुई लिमिट

मंत्रालय ने स्टॉक लिमिट के बाद थोक विक्रेताओं के लिए 200 टन प्रति दाल प्रकार और खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 टन की सीमा तय की है। बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं को प्रत्येक आउटलेट पर 5 टन और डिपो पर 200 टन की अनुमति है। मिलर्स पिछले तीन महीनों के उत्पादन या उनकी वार्षिक क्षमता के 25% से अधिक के लिए है।

देगी होगी पोर्ट्ल पर स्टॉक लिमिट की सूचना

सरकार ने कहा कि इन नियमों से प्रभावित सभी संस्थाओं को उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा प्रबंधित एक पोर्टल पर अपने स्टॉक की स्थिति की सूचना देनी होगी। यदि आयातक उल्लिखित स्टॉक सीमा से अधिक हो जाते हैं तो उन्हें सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार, अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर अपनी होल्डिंग को निर्दिष्ट राशि में समायोजित करना होगा।

राज्य सरकार करती है साप्ताहिक समीक्षा

एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि अगर आयातकों के पास निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक है तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा। उपभोक्ता मामलों का विभाग स्टॉक डिस्क्लोजर पोर्टल के माध्यम से अरहर और उड़द के स्टॉक की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है, जिसकी राज्य सरकारों के साथ साप्ताहिक आधार पर समीक्षा की जाती है।

निर्यण जमीनी स्थिति का आकलन व लोगों के बाद के बाद लिया गया

यह निर्णय जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्यों के दौरे सहित स्टॉक का खुलासा सुनिश्चित करने के लिए आयातकों, मिलर्स, खुदरा विक्रेताओं जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक बातचीत के बाद लिया गया है।

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