फिर बाहर आया हिंडनबर्ग का जिन्न! अडानी के सहारे लगाए इस बैंक पर गंभीर आरोप, शेयर हुए क्रैश

Hindenburg Report: हिंडनबर्ग के इस आरोप का केएमआईएल और केआईओएफ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हिंडनबर्ग कभी भी फर्म का ग्राहक नहीं रहा है और न ही वह कभी फंड में निवेशक रहा है।

Newstrack :  Network
Update: 2024-07-02 11:49 GMT

Hindenburg Report (सोशल मीडिया) 

Hindenburg Report: कोटक महिंद्रा बैंक ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि हिंडनबर्ग रिसर्च कभी भी कोटक समूह के के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड लिमिटेड (केआईओएफ) और कोटक महिंद्रा इंटरनेशनल लिमिटेड (केएमआईएल) का ग्राहक नहीं था और फंड को कभी भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह उसके किसी निवेशक का भागीदार है। कोटक बैंक का यह स्पष्टीकरण तब आया है, जब अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग ने अडानी मामले में सेबी से मिले नोटिस में कोटक बैंक का नाम लिया था। शॉर्ट सेलर ने आरोपा लगाया कि कोटक महिंद्रा बैंक और उदय कोटक द्वारा स्थापित ब्रोकरेज फर्मों ने हिंडनबर्ग के निवेशक भागीदार द्वारा अडानी समूह के शेयरों के खिलाफ दांव लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ऑफशोर फंड ढांचे का निर्माण और देखरेख की। आरोप की खबर बहार आते ही बैंक शेयर बाजार में भरभराकर गिर गए। साथ ही, अडानी के शेयरों में भी गिरावट आई है।

हिंडनबर्ग के आरोपों का कोटक का खंडन

हिंडनबर्ग के इस आरोप का केएमआईएल और केआईओएफ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हिंडनबर्ग कभी भी फर्म का ग्राहक नहीं रहा है और न ही वह कभी फंड में निवेशक रहा है। कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवक्ता ने 2 जुलाई को कहा कि फंड को कभी पता नहीं था कि हिंडनबर्ग उसके किसी निवेशक का भागीदार है। समूह के बयान में कहा गया है कि केएमआईएल को फंड के निवेशक से यह पुष्टि और घोषणा भी मिली है कि उसके निवेश किसी अन्य व्यक्ति की ओर से नहीं बल्कि एक प्रमुख निवेशक के रूप में किए गए थे। बैंक ने आगे कहा कि फंड ग्राहकों को शामिल करते समय उचित केवाईसी प्रक्रियाओं का पालन करता है और इसके सभी निवेश सभी लागू कानूनों के अनुसार किए जाते हैं। हमने अपने संचालन के संबंध में नियामकों के साथ सहयोग किया है और ऐसा करना जारी रखेंगे।

इसलिए लाया गया फंड

कंपनी ने बयान में बताया कि के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड लिमिटेड (केआईओएफ) एक सेबी पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक है और मॉरीशस के वित्तीय सेवा आयोग द्वारा विनियमित है। विदेशी ग्राहकों को भारत में निवेश करने में सक्षम बनाने के लिए 2013 में फंड की स्थापना की गई थी।

हिंडनबर्ग ने सेबी पर भी लगाए आरोप

अडानी मामले में सेबी से मिले कारण बताओ नोटिस पर हिंडनबर्ग ने पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा कोटक का नाम अपनी टिप्पणियों में न लेने पर सवाल उठाया था और आरोप लगाया था कि यह चूक व्यवसायी को जांच से बचाने के लिए हो सकती है। हिंडनबर्ग ने कहा कि सेबी ने हम पर अधिकार क्षेत्र का दावा करने के लिए खुद को उलझा लिया, उसके नोटिस में स्पष्ट रूप से उस पार्टी का नाम नहीं बताया गया जिसका भारत से वास्तविक संबंध है: कोटक बैंक, भारत के सबसे बड़े बैंकों और ब्रोकरेज फर्मों में से एक, जिसकी स्थापना उदय कोटक ने की थी, जिसने हमारे निवेशक भागीदार द्वारा अडानी के खिलाफ दांव लगाने के लिए इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड ढांचे का निर्माण और देखरेख की। इसके बजाय इसने केवल के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड का नाम लिया और “कोटक” नाम को “केएमआईएल” के संक्षिप्त नाम से छिपा दिया गया।

कोटक पर लगाए आरोप

बैंक के संस्थापक उदय कोटक ने व्यक्तिगत रूप से सेबी की 2017 की कॉर्पोरेट गवर्नेंस समिति का नेतृत्व किया। हिंडनबर्ग ने कहा कि हमें संदेह है कि सेबी द्वारा कोटक या कोटक बोर्ड के किसी अन्य सदस्य का उल्लेख न करने का उद्देश्य किसी अन्य शक्तिशाली भारतीय व्यवसायी को जांच की संभावना से बचाना हो सकता है और सेबी इस भूमिका को अपनाता प्रतीत होता है।

आरापों के बीच क्रैश हुए अडानी और कोटक के शेयर

हिंडनबर्ग के आरोपों के बीच कोटक और अडानी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। एक प्रकार से शेयर बाजार में दोनों कंपनियों के शेयर क्रैश होने की स्थिति हो गई। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को कोटक के शेयरों में 2.11 फीसदी की गिरावट दिखी और शेयर 1,769.90 रुपये के भाव पर आ गए, जबकि अडानी इंटरप्राइजेज के स्‍टॉक में 1 फीसदी से ज्‍यादा गिरावट दिखी और भाव 3,150.35 रुपये पर आ गए।

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