Hindenburg Research Adani: LIC करेगा अडानी ग्रुप से जवाब तलब, SC में भी आज सुनवाई
Hindenburg Research Adani LIC: LIC के अध्यक्ष एमआर कुमार ने गुरुवार को बताया कि एलआईसी की इन्वेस्टमेंट टीम पहले ही अडानी समूह से इस बारे में सवाल-जवाब कर चुकी है।
Hindenburg Research Adani: हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदानी समूह पर लगाए गए वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े आरोपों के बाद कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बन गई थी, अब कंपनी में निवेश करने वाली भारतीय जीवन बीमा की निवेश टीम ने अडानी ग्रुप के अधिकारियों से बात करने का मन बनाया है। LIC के अध्यक्ष एमआर कुमार ने गुरुवार को बताया कि एलआईसी की इन्वेस्टमेंट टीम पहले ही अडानी समूह से इस बारे में सवाल-जवाब कर चुकी है। लेकिन अब शीर्ष प्रबंधन भी उनसे संपर्क कर सकता है, जल्द ही उनसे कहा जाएगा कि वो हमसे मिलकर इस बारे में स्पष्टीकरण दें।
LIC दशकों से निवेश कर रही अडानी समूह में
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक LIC के अध्यक्ष एमआर कुमार ने कहा कि इस समूह की दो कंपनियों में हम दशकों से निवेश कर रहे हैं। हम दीर्घकालिक निवेश करते हैं। ये कंपनियां पहले किसी और की थीं लेकिन बाद में इन्हें अडानी समूह ने ख़रीद लिया था। अडानी ग्रुप से मौजूदा वित्तीय संकट पर जवाब तलब किया जाएगा। गौरतलब है कि नौ बड़े विदेशी बैंकों ने अदानी समूह को लगभग 5.25 अरब डॉलर का कर्ज़ दिया है हालांकि
बार्कलेज़ ने अदानी समूह को कितना पैसा उधार दिया है, इसकी अधिकारिक जानकारी तो नहीं है लेकिन ये रकम 750 मिलियन डॉलर के आसपास बताई जाती है। इसके अलावा समूह को कर्ज देने वाले विदेशी बैंकों में जापान के सिटीबैंक, एमयूएफ़जी, स्टेंडर्ड चार्टेर्ड और जेपी मॉर्गन शामिल है। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है नार्वे के सॉवरिन फंड नॉर्जेस बैंक इन्वेस्टमेंट मैनेज़मेंट ने अडानी समूह में निवेश की गई अपनी पूंजी निकाल ली है। ये बड़े सॉवरिन फंड्स में शामिल है और इसकी संपत्ति 1.3 ट्रिलियन डॉलर है जो भारतीय बाज़ार पूंजी का लगभग चालीस फीसदी है। इस फंड ने अदानी समूह में 200 मिलियन डॉलर क़ीमत के शेयर बेच दिए हैं। बाजार के जानकारों का मानना है कि इस तरह के हालात की वजह से अडानी ग्रुप के शेयरों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। हालांकि अडानी ग्रुप इस हालात पर नियंत्रण के लिए बड़ी कार्ययोजना पर काम कर रहा है।
याचिका पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट 10 फरवरी को हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट के बाद उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट के मामले में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करेगा। ये याचिका जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने बीते गुरुवार को दाखिल की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि अडानी ग्रुप की जांच के लिए केंद्र सरकार को एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया जाए।