Hyundai IPO : ओवर सब्सक्राइब हो ही गया हुंडई का मेगा आईपीओ

Hyundai IPO : हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) के आईपीओ ने बोली प्रक्रिया के तीसरे और अंतिम दिन आखिरकार गति पकड़ ली, जिसका श्रेय संस्थागत निवेशकों और कर्मचारियों को जाता है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-10-17 20:07 IST

Hyundai IPO : हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) के आईपीओ ने बोली प्रक्रिया के तीसरे और अंतिम दिन आखिरकार गति पकड़ ली, जिसका श्रेय संस्थागत निवेशकों और कर्मचारियों को जाता है। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए रिज़र्व श्रेणी को 6.97 गुना बोलियां मिलीं और कर्मचारियों के लिए 1.74 गुना आवेदन प्राप्त हुए।

कुल मिलाकर, इस निर्गम को 9,97,69,810 शेयरों के लिए 23,63,26,265 बोलियां प्राप्त हुईं तथा कुल अभिदान 2.37 गुना रहा। हुंडई के स्टॉक के 22 अक्टूबर को सूचीबद्ध होने की संभावना है। चेन्नई स्थित हुंडई मोटर इंडिया ने अपने शेयर 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बेचे। निवेशकों ने न्यूनतम 7 इक्विटी शेयरों और उसके बाद गुणकों में आवेदन किया था।

हुंडई के आईपीओ में तीसरे दिन खुदरा विक्रेताओं की ओर से धीमी प्रतिक्रिया जारी रही, और संबंधित हिस्सा आंशिक रूप से (50 प्रतिशत) ही बुक हुआ। खुदरा निवेशकों ने 4,94,95,705 शेयरों के कुल खुदरा कोटा के मुकाबले 2,49,63,372 शेयरों के लिए आवेदन किया।

बाजार विशेषज्ञ ने खुदरा भागीदारी में कमी के लिए शेयर बाजार में चल रही अस्थिरता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कारोबारियों के मुताबिक घरेलू बेंचमार्क दो महीने के निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। हुंडई अब तक भारत में सबसे बड़ा आईपीओ है और आईपीओ के समय को देखते हुए खुदरा निवेशक उतने उत्साहित नहीं थे। फिर भी ध्यान देने वाली बात है कि हुंडई मोटर अपने क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी है। इसलिए यह निश्चित रूप से ऑटो सेगमेंट में एक दीर्घकालिक दांव है।

गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) के लिए रखे गए सेगमेंट में खुदरा विक्रेताओं की तुलना में थोड़ी बेहतर प्रतिक्रिया देखी गई और 60 प्रतिशत सब्सक्राइब हुआ। बाजार के जानकारों ने कहा कि ये आईपीओ संस्थागत निवेशकों के लिए अधिक उपयुक्त है, जो खुदरा निवेशकों के बजाय प्रमोटरों की शेयर बिक्री का लाभ उठा सकते हैं।

हुंडई भारत में मारुति के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है और इसके पास करीब 13-14 मॉडल हैं। वैश्विक आरएंडडी पहुंच के अलावा, यह भारत में बैटरी स्टोरेज तकनीक डेवलप कर रही है। हुंडई के पास ईवी मॉडल की एक श्रृंखला भी है जो भविष्य में विकास को आगे बढ़ाएगी।

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