5 Years of GST: कितना हुआ बदलाव, आम आदमी को फायदा या नुकसान
5 Years of GST: आज से 5 साल पहले साल 2017 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में चले आ रहे कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए जीएसटी (GST - Goods and Services Tax) लागू कर दिया था।
5 Years of GST: भारत में जीएसटी लागू हुए 5 वर्ष बीत चुके हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने देश की कर व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए साल 2017 में 1 जुलाई को जीएसटी लागू कर दिया था। इस नई व्यवस्था के लागू होने से केवल पुरानी व्यवस्थाओं में बदलाव ही नहीं हुआ बल्कि इसका बहुत ज्यादा प्रभाव देश की आम जनता के ऊपर भी पड़ा। जीएसटी लागू होने के कुछ दिन बाद ही दुनिया में कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus pandemic) ने दस्तक दिया जिसके कारण आर्थिक मोर्चे पर देश देश को कई उतार-चढ़ाव देखने पड़े। आइए जानते हैं बीते 5 सालों में कितने उतार-चढ़ाव के बाद भी आम जनता के ऊपर जीएसटी का कितना प्रभाव पड़ा। यह नई कर प्रणाली कितनी ज्यादा लाभदायक रही या इससे कितना नुकसान हुआ।
जीएसटी से फायदा या नुकसान
केंद्र सरकार ने साल 2017 में जब वन नेशन वन टैक्स को लागू किया तब बहुत से कारोबारियों और राज्य सरकारों को या नहीं एक स्कीम जीएसटी समझ नहीं आई। विपक्ष की ओर से भी लगातार जीएसटी लागू करने को लेकर सरकार पर हमला किया जाता रहा कुछ वक्त बाद ही जीएसटी का फायदा दिखने लगा। देश के बहुत से वित्तीय एक्सपर्ट का मानना है कि जीएसटी लागू होने से सबसे अधिक फायदा बड़े कारोबारियों और व्यापारियों को हुआ।
बड़े कारोबारियों और व्यापारियों को पहले टैक्स से जुड़े सभी जानकारियों को रखने के लिए कई तरह की फाइलें अपने पास रखे रहती थी। मगर जीएसटी लागू होने से उन्हें बहुत सारे फाइलों के झंझट से मुक्ति मिल गई अब वह सीमित संख्या में फाइल रखकर भी टैक्स से जुड़ी सभी जरूरी कागजात अपने पास रख पाते हैं। जीएसटी लागू होने से अब टैक्स चोरी की घटनाएं भी बहुत कम हो गई हैं लोग भारी संख्या में समय पर अपना टैक्स रिटर्न दाखिल कर रहे हैं।
हालांकि बहुत से व्यापारियों और कारोबारियों का शिकायत है कि जीएसटी लागू होने से एक और जहां कुछ चीजों में सुधार आया वही यह प्रक्रिया काफी ज्यादा जटिल हो गई। लोगों को अब रिटर्न फाइल करने के लिए किसी एक्सपर्ट के पास जरूर जाना पड़ता है। टैक्स स्लैब में जब सरकार ने बदलाव किया तो इसे समझने में भी लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि शुरुआती दौर के मुकाबले अब 5 साल का वक्त बीत जाने के बाद अब बहुत से कारोबारियों और व्यापारियों की यह शिकायत धीरे-धीरे दूर हो गई है।
टैक्स कलेक्शन बड़ा
वन नेशन-वन टैक्स यानी जीएसटी लागू होने के बाद देश में सरकार की कमाई काफी ज्यादा बढ़ गई। टैक्स चोरी पर लगाम लगा और लोग भारी संख्या में अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करने लगे आंकड़ों की मानें तो साल 2017 से 2018 के बीच कुल 7.18 लाख करोड़ रुपए का टैक्स कलेक्शन किया गया। एक साल के भीतर ही इस टैक्स कलेक्शन में बड़ी बढ़त देखने को मिली पाल 2018 19 के बीच देश में टैक्स कलेक्शन 11 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया। साल 2000 1920 में टैक्स कलेक्शन 12.22 लाख करोड़ रुपए का हुआ हालांकि इस बीच कोरोनावायरस के दशक के कारण अगले साल टैक्स कलेक्शन में गिरावट आई और साल 2020 और 21 में 11.37 लाख करोड़ रुपए का टैक्स कलेक्शन हो सका। मगर एक साल बाद फिर धीरे-धीरे देश कोरोनावायरस संकट से उभरने लगा और साल 2021 और 22 में टैक्स कलेक्शन का आंकड़ा 14.8 तीन लाख करोड रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
रोजमर्रा की चीजें सस्ती हुई
जीएसटी लागू होने के बाद देश में रोजमर्रा की कीमतों में गिरावट देखने को मिली जिसके कारण आम नागरिक को काफी ज्यादा फायदा हुआ। जहां पहले रोजमर्रा की कई चीजों पर राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार मिलाकर 28 फ़ीसदी तक टैक्स वसूला कर दी थी वही जीएसटी लागू होने के बाद यह दर 18 फ़ीसदी पर आ गया, जिसके कारण रोजमर्रा की कई चीजें सस्ती हुई। उदाहरण के तौर पर आप एक टूथपेस्ट की कीमत ले लीजिए जिस टूथपेस्ट की कीमत जीएसटी लागू होने के पहले 272 रुपये हुआ करती थी वह जीएसटी लागू होने के बाद 253 रुपये के स्तर पर आ गई है।