Stock Market: शानदार रफ्तार; भारत का शेयर बाजार दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बना

Stock Market: आंकड़ों से पता चलता है कि हांगकांग के बेंचमार्क हैंग सेंग इंडेक्स में पिछले साल की तुलना में संचयी रूप से 32-33 प्रतिशत की गिरावट आई है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-01-23 11:53 IST

Stock Market: देश की आर्थिक संभावनाओं के बारे में उम्मीदें परवान चढ़ने के साथ ही भारत का शेयर बाजार हांगकांग से आगे निकल कर दुनिया में चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है। टॉप तीन शेयर बाज़ार अमेरिका, चीन और जापान हैं।

4.33 ट्रिलियन डॉलर

ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारतीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध शेयरों का संयुक्त मूल्य सोमवार को बंद होने तक 4.33 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जबकि हांगकांग के लिए यह 4.29 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था। भारत का शेयर बाजार पूंजीकरण 5 दिसंबर, 2023 को पहली बार 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया, जिसमें से लगभग आधा पिछले चार वर्षों में आया था। शीर्ष तीन शेयर बाज़ार अमेरिका, चीन और जापान हैं।

बीते 12 महीने रहे शानदार

संचयी रूप से, पिछले 12 महीने उन निवेशकों के लिए शानदार रहे हैं जिन्होंने भारतीय शेयरों में अपना पैसा लगाया है। हालांकि कुछ उथल-पुथल रही है, फिर भी कैलेंडर वर्ष 2023 ने शेयर बाजार के निवेशकों को अच्छा मौद्रिक लाभांश दिया।

18 फीसदी की बढ़ोतरी

2023 में ही सेंसेक्स और निफ्टी में संचयी आधार पर 17-18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। 2022 में उन्हें महज 3-4 फीसदी का फायदा हुआ। आंकड़ों से पता चलता है कि हांगकांग के बेंचमार्क हैंग सेंग इंडेक्स में पिछले साल की तुलना में संचयी रूप से 32-33 प्रतिशत की गिरावट आई है।

लगातार ग्रोथ

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पिछले साल नवंबर में एक और महत्वपूर्ण मील के पत्थर पर पहुंच गया, जब एक्सचेंज पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया। भारतीय शेयर बाजार को 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने में केवल ढाई साल लगे। 24 मई, 2021 को इसने 3 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा छू लिया था। 1 ट्रिलियन डॉलर से 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक का सफर सिर्फ सात साल में तय किया गया है। 6 जून 2014 से। बाजार पूंजीकरण में 2 ट्रिलियन डॉलर की सीमा पार 10 जुलाई, 2017 को हुई थी जिसमें 1.5 ट्रिलियन डॉलर के स्तर से 1,130 दिन लगे।

1 ट्रिलियन के स्तर से 2 ट्रिलियन डॉलर तक की चढ़ाई दस वर्षों में पूरी हुई। 16 दिसंबर, 2020 को 2.5 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार करने में 1,255 दिन लगे। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर के अंत तक भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का कुल बाजार पूंजीकरण 3.989 ट्रिलियन डॉलर था, जबकि हांगकांग का 3.984 ट्रिलियन डॉलर था।

रिकार्ड ऊँचाई

भारत का निफ्टी 50 इंडेक्स लगातार आठवें वर्ष लाभ की ओर अग्रसर है। भारत 2023 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक असाधारण बाजार रहा है। बढ़ी हुई लिक्विडिटी, अधिक घरेलू भागीदारी और अमेरिकी ट्रेजरी में गिरावट के रूप में वैश्विक मैक्रो वातावरण में गतिशीलता में सुधार ने देश के शेयर बाजारों को बढ़ावा दिया है।

देश में इस साल आम चुनाव होने वाले हैं, जिसके बारे में विश्लेषकों का अनुमान है कि इसमें भारतीय जनता पार्टी की एक और जीत हो सकती है। इसके चलते नीतिगत निरंतरता की उम्मीदों पर साल के पहले तीन से चार महीनों में तेजी आ सकती है। bएचएसबीसी ने कहा है कि बैंक, स्वास्थ्य देखभाल और ऊर्जा अगले साल के लिए सबसे अच्छी स्थिति वाले क्षेत्र हैं। ऑटो, खुदरा विक्रेता, रियल एस्टेट और टेलीकॉम जैसे क्षेत्र भी 2024 के लिए अपेक्षाकृत अच्छी स्थिति में हैं, जबकि तेजी से बिकने वाले उपभोक्ता सामान, उपयोगिताएँ और रसायन उन क्षेत्रों में से हैं जिन्हें एचएसबीसी ने प्रतिकूल के रूप में वर्गीकृत किया है।

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