Pankaj Udhas: चल रहा था भारत-चीन का युद्ध…देशभक्ति गीत ने दी शोहरत, पहली बार कमाए थे 51 रुपये

Pankaj Udhas First Salary: पंकज उधास की पहली कमाई की करें तो यह कमाई मात्र 51 रुपये की थी। पंकज उधास ने गाने की सफर की शुरुआत अपने भाई के साथ की।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-02-26 12:14 GMT

Pankaj Udhas First Salary (सोशल मीडिया) 

Pankaj Udhas First Salary: एक तरफ उसका घर....एक तरफ मैं कदा, चांदी जैसा रंग है तेरा...सोने जैसे बाल' हो या फिर 'चिठ्ठी आई है...आई है चिठ्ठी आई है' जैसी गजल गाकर लोगों की दिलों में अपनी जगह बनाने वाले गजल सम्राट और वॉलीवुड सिंगर पंकज उधास (Pankaj Udhas Death) अब हमारे बीच नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद सोमवार शाम मुंबई में उनका निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलते ही क्या खास क्या आम हर कोई गमगीन है। हिन्दी सिनेमा सहित उनके फैंस शोक में डूब गए हैं। पंकज उधास अपने पीछे पत्नी फरीद उधास और दो बेटियां नायाब उधास व रेवा उधास को छोड़ गए हैं। साथ ही वह करोडों की संपत्ति छोड़ गए हैं, जिसको उन्हें अपने कड़ी मेहनत और साधन के बल पर प्राप्त किया था। क्या जानते हैं कि उनकी पहली कमाई कितने रुपए की थी।

यहां से करते थे पंकज उधास कमाई

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पंकज उधास अपने 25 करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़ गए हैं। वह अपनी कमाई फिल्मों- इवेंट्स में गाना गाकर करते हैं। इसके अलावा उनकी कमाई का जरिये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी था, जिसमें यूट्यूब शामिल हैं। यहां पर उनके मिलियन सब्सक्राइबर हैं। एक वीडियो पर डालने पर उन्हें लाखों व्यूज मिलते थे, जो उनकी कमाई का जरिये थे। पंजक उधास लेजेंडरी सिंगर के रूप में तो जनाने जाते ही थे, साथ वह लग्जरी लाइफ जीने के लिए पहचाने जाते थे।

आशीशान घर के साथ है लग्जरी गाड़ियां कलेक्शन

पंकज उधास के पास मुंबई में आलीशान घर के साथ लग्जरी कार कलेक्शन भी है। उधास का मुंबई के पेडर रोड पर हिलसाइड (Hillside) नाम एक घर है। इसके अलावा उनके पास शानदार कारों का कलेक्शन भी है। इसमें ऑडी (Audi) और मर्सिडीज (Mercedes) जैसी महंगी और लग्जरी कारें शामिल हैं। पंकज उधास की निधन की जानकारी उनकी बेटी नायाब उधास ने दी।

1915 को गुजराती परिवार में हुआ था जन्म

पंकज का जन्म 17 मई, 1915 में एक गुजराती परिवार हुआ और उनका निधन 26 फरवरी, 2024 को मुंबई में हुआ। उन्होंने सर बीपीटीआई भावनगर से शिक्षा प्रप्ता की थी। फिर उनका परिवार मुंबई आ गया। उसके बाद पंजक ने आगे की पढ़ाई सेंट जेवियर्स कॉलेज से की। उधास ने गुलाम कादिर खान साहब से से शास्त्रीय संगीत सीखा। इसके अलावा पंकज ने ग्वालियर घराने के गायक नवरंग नागपुर से भी संगीत काल सीखी। उनकी शानदार गायकी के चलते उन्हें साल 2006 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने कुशल गजल गायक के रूप में पूरी दुनिया में एक अलग पहचान बनाई थी।

इस गाने के लिए मिले थे 51 रुपये और यही थी पहली कमाई

पंकज उधास की पहली कमाई की करें तो यह कमाई मात्र 51 रुपये की थी। पंकज उधास ने गाने की सफर की शुरुआत अपने भाई के साथ की। जब चीन और भारत के बीच चल रहे युद्ध की वजह से पूरे देश में देश भक्ति अपने चरम पर थी। तब उन्होंने एक कार्यक्रम में 'ऐ वतन के लोगों' गाना गाकर वहां मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध बना दिया था। इस शानदारी गायकी के लिए पंकज उधास को संगीत के रूप में पहली कमाई 51 रुपये थी। उसके बाद पंकज उधास ने कभी पीछे मूड कर नहीं और अपने गीत और गजल के बल दुनिया में लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाते गए और करोड़ों की कमाई करते गए। इस गजल सम्राट को मेरा शत शत नमन।

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