Petrol Pump Scam: आप भी 'जीरो' देखकर भरवाते हैं पेट्रोल-डीजल, जानिए कैसे लग जाता है आंखों के सामने चूना

Petrol Pump Scam: ग्राहक चाहें तो तय सीमा से कम डेंसिटी पर ईंधन बिक्री करने वाली पंपों की शिकायत कर सकते हैं। प्रत्येक ग्राहक को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत ईंधन की शुद्धता परखने को अधिकार मिला हुआ है। आप इसका उपयोग जरूर करें।

Update:2023-06-09 13:31 IST
Petrol Diesel Purity (सोशल मीडिया)

Petrol Pump Scam: अगर आप जब भी पेट्रोल डीजल के लिए पंपों पर जाते हैं तो आप क्या देखते हैं। अधिकांश लोगों को उत्तर यह होगा कि हम मीटर को देखते हैं कि वह तेल लेते समय शून्य है कि नहीं। बस यहीं पर लोग मात खा जाते हैं। पंपों पर तो पेट्रोल डीजल अब आम से बात हो गई है....इससे तो आप बच हीं नहीं सकते। ध्यान देने की जरूरत तो यह चीज है, जिससे बच गए तो भविष्य में जल्दी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब से पंपों पर पेट्रोल डीजल भरवाने जब भी जाएं तो मीटर शून्य जरूर देखें, साथ ही थोड़ा ध्यान पेट्रोल डीजल की शुद्धता पर डाल लें, ताकि आप अपनी बाइक, कार और बड़े-बड़े वाहनों को खराब होने से बचा सकें।

डेंसिटी की कमी डालती है इंजन पर असर

दअसल, लोगों को ध्यान पेट्रोल डीजल की शुद्धता पर नहीं होने से पंपों पर इस बड़ा खेल खेला जाता है,जिसका शिकार कई लोग होते हैं और हो रहे हैं। पेट्रोल डीजल की शुद्धता डेंसिटी पर निर्भर करती है, लेकिन पंपों के मालिकों द्वारा अधिक लाभ कमाने के चक्कर में आज तक पेट्रोल डीजल की डेंसिटी के साथ छेड़छाड़ की जा रही है,जो सीधे वाहन के इंजन पर जाकर अपना असर दिखाती है। देश की पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल डीजल की शुद्धता के लिए डेंसिटी पैरामीटर तय किये हैं। हालांकि इसमें एक बात ध्यान रखने की होती है, फिक्स नहीं होती है।

यह है पेट्रोल डीजल डेंसिटी

तेल कंपनियों ने पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम per cubic meter तय की है, जबकि डीजल की डेंसिटी 830 से 900 किलोग्राम/M3 होती है। हालांकि ईंधन की डेंसिटी तापमान के हिसाब से बदलती रहती है। इस वजह से डेंसिटी हर दिन चेक की जाती है, उसके बाद पंपों पर प्रति दिन अपडेट की जाती है। अब सवाल उठता है कि क्या ग्राहक पेट्रोल डीजल की डेंसिटी चेक कर सकते हैं? आप चाहें तो पंपों पर पेट्रोल डीजल की शुद्धता चेक कर सकते हैं।

ऐसे चेक करें पेट्रोल डीजल की शुद्धता

डेंसिटी चेक करने के लिए सबसे आपको फिल्टर पेपर पर ईंधन डालने वाले नोजल को साफ करते हुए पेट्रोल या डीजल की दो बूंदे डालें। फिर देखें कि अगर फिल्टर पेपर पर पेट्रोल सूखने के बाद गहरे रंग का दाग बना दिया है तो आप समझ जाएं कि इसमें मिलावट है। इसके बाद चाहें तो डेंसिटी जार से इसकी शुद्धता की जांच करवा सकते हैं।

कमी मिलने पर शिकायत

इसके अलावा ग्राहक चाहें तो तय सीमा से कम डेंसिटी पर ईंधन बिक्री करने वाली पंपों की शिकायत कर सकते हैं। प्रत्येक ग्राहक को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत ईंधन की शुद्धता परखने को अधिकार मिला हुआ है। आप इसका उपयोग जरूर करें।

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