खाताधारकों को तगड़ा झटका: RBI ने यूपी के इस बैंक का किया लाइसेंस रद्द, मुसीबत में ग्राहक

RBI News: रिज़र्व बैंक ने आगे कहा कि यदि यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को आगे बढ़ाने की अनुमति दी गई तो सार्वजनिक हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

Update:2023-07-21 16:08 IST
RBI News (सोशल मीडिया)

RBI News: अगर आप यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में खाता है तो यह खबर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है। कहीं ऐसा न हो कि आप इस खबर से अंजान रहे हैं और बाद में आप बड़ी मसीबत में आ जाएं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस कैसिंल कर दिया है। साथ ही कहा है कि बैंक किसी भी प्रकार का कोई बैंकिंग व्यवसाय नहीं करेगा। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और रजिस्ट्रार को आदेश जारी किया है कि वह बैंक बंद करे,क्योंकि बैंक पास संचालन के लिए पार्यप्त पूंजी नहीं है।

19 जुलाई को दिया था आदेश

आरबीआई ने 19 जुलाई को उत्तर प्रदेश की बिजनौर जिले की नगीना स्थित यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के लाइसेंस को रद्द कर दिया था। साथ ही बैंक को कोई भी बैंकिंग व्यवसाय नहीं करने को कहा है। सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पढ़ी गई धारा 11(1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है, जिसके चलते केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। इसके अलावा यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक बैंकिंग नियामक अधिनियम, 1949 की कुछ धाराओं का भी पालन करने में विफल रहा है।

परिसमापक नियुक्त करने का दिया आदेश

केंद्रीय बैंक ने सहकारी बैंक को बंद करने के लिए उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और रजिस्ट्रार को आदेश जारी किया है। साथ ही, बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश भी जारी किया है। परिसमापन पर रिज़र्व बैंक ने कहा कि बैंक का प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) विषय से 5,00,000 रुपये (केवल पांच लाख रुपये) की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा, जोकि DICGC अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार है। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के मुताबिक, बैंक 99.98% फीसदी ग्राहक DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।

अनुमति देने पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव

रिज़र्व बैंक ने आगे कहा कि यदि यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को आगे बढ़ाने की अनुमति दी गई तो सार्वजनिक हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा। बैंक बुधवार से पूरी तरह से बंद हो गया है। उसको पैसा जमा करने व निकालने की अनुमित नहीं है, क्योंकि बैंक पास कैश की कमी है।

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