Major Changes in Banking: आम आदमी की बैंकिंग में चार बड़े बदलाव
Major Changes in Banking: रिज़र्व बैंक ने यूपीआई के जरिये टैक्स भुगतान सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति लेनदेन करने की घोषणा की है।
Major Changes in Banking: रिज़र्व बैंक ने सामान्यलेनदेन और बैंकिंग में चार महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। जिनमें यूपीआई पेमेंट, चेक क्लीयरिंग और ठगी वाले लोन ऐप्स से सुरक्षा शामिल है। जानते हैं इन बदलावों के बारे में।
डेलीगेटेड पेमेंट्स
- भारतीय रिजर्व बैंक यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सिस्टम के भीतर "डेलीगेटेड पेमेंट्स" नामक एक नई सुविधा शुरू करने जा रहा है। यह सुविधा प्राथमिक यूजर को एक अन्य यूजर, जैसे कि परिवार के किसी सदस्य को, एक तय लिमिट तक प्राथमिक यूजर के बैंक खाते से सीधे यूपीआई लेनदेन करने के लिए अधिकृत करेगी। यानी अगर आप चाहें तो अपने पति/पत्नी को अपने यूपीआई खाते को इस्तेमाल करने की इजाजत दे सकते हैं। इस इजाजत की लिमिट भी तय होगी। इस पहल का उद्देश्य भारत में डिजिटल भुगतान की पहुंच को और बढ़ाना है।
डिजिटल लोन ऐप्स
- रिज़र्व बैंक ने डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के लिए एक पब्लिक रिपॉजिटरी बनाने का प्रस्ताव दिया है। दरअसल इन दिनों ऑनलाइन लोन देने वाले ढेरों ऐप्स मौजूद हैं। इनकी न कोई निगरानी है और न पारदर्शिता है। ऐसे में जनता को जानकर बनाने और पारदर्शिता लाने के लिए एक सिस्टम बनाने का इरादा है। प्रस्ताव के तहत बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए विनियमित संस्थाएँ अपने डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की रिपोर्ट रिज़र्व बैंक को देंगी। इससे लोगों को गैर-अधिकृत डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के बारे में पता करने में आसानी होगी। लोग जान सकेंगे कि कौन सा ऐप वेरिफाइड है और कौन सा नहीं है।
यूपीआई लेनदेन सीमा
- रिज़र्व बैंक ने यूपीआई के जरिये टैक्स भुगतान सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति लेनदेन करने की घोषणा की है। इससे अब लोगों को ऑनलाइन टैक्स भरने में आसानी होगी।
चेक क्लियरेंस में तेजी
- चेक क्लियरिंग की अब क्लियरिंग साइकिल का समय घटकर 2 वर्किंग दिन तक है। नये बदलाव के तहत अब एक ही दिन में कुछ ही घंटों के भीतर चेक क्लियरिंग कर दी जाएगी। ये भी एक बड़ी सुविधा है।