वैश्विक मंच से बोले RBI गवर्नर, ‘भारत में महंगाई में आई...’, विकास की संभावनाएं हुई मजूबत,
RBI Governor: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास बुधवार को पहली बार स्विट्जरलैंड के दावोस में वार्षिक विश्व आर्थिक मंच (WEF) के कार्यक्रम में भाग लिया। यहां पर उन्होंने "हाई ग्रोथ, लो रिस्क: द इंडिया स्टोरी" विषय पर सीआईआई सत्र को संबोधित किया।
RBI Governor Shaktikanta Das: भारत में महंगाई दर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति कम हो रही है और यह लगातार केंद्रीय बैंक के 4% लक्ष्य के करीब पहुंच रही है, जबकि विकास की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं। मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और हमारे बैंड के भीतर है, जो 2% से 6% है। लक्ष्य 4% रखा गया है। इससे यह विश्वास दिलाता है कि मौद्रिक नीति काम कर रही है। आरबीआई मुद्रास्फीति को 4% के लक्ष्य तक लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
WEF में पहली बार शामिल हुए शक्तिकांत दास
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास बुधवार को पहली बार स्विट्जरलैंड के दावोस में वार्षिक विश्व आर्थिक मंच (WEF) के कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने "हाई ग्रोथ, लो रिस्क: द इंडिया स्टोरी" विषय पर सीआईआई सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि रुपये के वैश्वीकरण की दिशा में भारत के प्रयासों का उद्देश्य प्रमुख मुद्रा डॉलर को प्रतिस्थापित करना नहीं है। आने वाले वर्षों में निरंतर विकास गति के संकेत देते हुए दास ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं। हाल के वर्षों में भारत में विनिमय दर की अस्थिरता में कमी से अर्थव्यवस्था में निवेशकों का विश्वास फिर से बढ़ा है।
‘भारत में निवेश करना का उपयुक्त समय’
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि निवेशकों के लिए भारत में निवेश करने का यह उपयुक्त समय है। आज जो कुछ भी हो रहा है, उसके कारण भारत अधिक गंभीरता से देखने का हकदार है। इस बार भारत में दिलचस्पी वास्तविक है। भारत में बहुत अधिक अंतर्राष्ट्रीय विश्वास है, भारत के चारों ओर बनी प्रौद्योगिकी कहानी, भारत की विकास संभावनाएं और स्थिरता, यानी व्यापक आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता जो भारत प्रदान करता है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत की विकास गति भविष्य के वर्षों में भी बनी रहेगी। मुझे भारत की विकास गति बरकरार रहने के टिकाऊ संकेत दिख रहे हैं। यह एकबारगी टिप्पणी नहीं है, यह बहुत सारे घरेलू शोध और विश्लेषण पर आधारित है।
अर्थव्यवस्था और बैंकिंग पर ये कही बात
दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में 5.8 प्रतिशत की गिरावट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2022 में 9.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि एनएसओ ने वित्त वर्ष 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद की है। दास ने कहा कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर ने उल्लेखनीय सुधार किया है। आरबीआई ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रशासन को बेहतर बनाने, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों के आसपास नियामक वास्तुकला को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।