आम आदमी को जोर का झटका, जानें Repo Rate में वृद्धि से आपकी जेब पर क्या पड़ेगा असर?

RBI Hikes Repo Rate : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज बड़ा फैसला लिया। रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इस मतलब ये है कि आने वाले दिनों में लोन और महंगे होंगे।

Written By :  aman
Update:2022-05-04 17:34 IST

RBI Increase Policy Repo Rate

RBI Hikes Repo Rate : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज बड़ा फैसला लिया। रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इस मतलब ये है कि आने वाले दिनों में लोन और महंगे होंगे। होम लोन, ऑटो और पर्सनल लोन लेने वालों के लिए निश्चय ही ये बुरी खबर है। बता दें, कि बुधवार को आरबीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने आज बैठक के बाद फैसलों की जानकारी दी। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, कि 'तत्काल प्रभाव से नीतिगत रेपो दरों (Repo Rates) में 40 बेसिस प्वाइंट (Basis Point) का इजाफा किया जा रहा है।' उन्होंने कहा, देश में बढ़ती महंगाई को नियंत्रण में लाने के लिए इस तरह के फैसले लिए गए हैं।

क्या पड़ेगा आम आदमी पर असर?

उल्लेखनीय है कि रेपो दर में इजाफा से लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, ब्याज दरें बढ़ने के बाद अब होम लोन (Home Loan), ऑटो लोन (Auto Loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan) महंगे हो जाएंगे। साथ ही, ईएमआई का बोझ भी ग्राहकों पर बढ़ जाएगा।

RBI के फैसले से शेयर बाजार धराशायी

रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा के ठीक बाद भारतीय स्टॉक मार्केट भरभरा कर गिर गया। बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स जहां 1306.96 अंक गिरकर 55669.03 पर बंद हुआ, वहीं, एनएसई का निफ्टी भी 391.50 अंक गोता लगाकर 16677.60 पर बंद हुआ।

4.40 प्रतिशत की गई रेपो दर

जानकारी के लिए आपको बता दें कि, लंबे से रेपो रेट 4 प्रतिशत पर स्थिर थी। यह अब बढ़कर 4.40 फीसद हो गई है। साथ ही, रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो यानी CRR में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। यह अब 4.50 प्रतिशत हो गया है। बढ़ी दरें 21 मई 2022 से लागू होंगी।

सर्वसम्मति से हुआ मतदान

ज्ञात हो कि, ब्याज दरों में इजाफा करने के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मतदान किया गया। मतदान के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बढ़ोतरी के आदेश दिए। शक्तिकांत दास ने बताया कि, कमोडिटी (Commodity) तथा वित्तीय बाजारों में जोखिम और बढ़ती अस्थिरता जैसे कारणों की वजह से ये कदम उठाए गए हैं।

RBI के अनुमानों से ऊपर निकल चुकी महंगाई

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि, 'वर्तमान में विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर से अधिक है। ऋण से जीडीपी (GDP) अनुपात कम है।' बता दें कि, अप्रैल महीने में महंगाई RBI के अनुमानों से बहुत ऊपर निकल चुकी है। मार्च के आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) 6.95 प्रतिशत के उच्च स्तर तक पहुंच चुकी है। वहीं, थोक महंगाई (wholesale inflation) 17 महीने के अपने उच्चतम स्तर पर बनी हुई है।

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