Reliance की भारतीय खिलौना बाजार पर पकड़ और मजबूत, ईटली की खिलौना कंपनी से की 'Big Deal'

RBL की खिलौना उद्योग में मजबूत पैठ है। उसके पोर्टफोलियो में 'हैमलीज' और घरेलू खिलौना ब्रांड 'रोवन' शामिल हैं। हैमलीज के पास वर्तमान में 15 देशों में 213 स्टोर्स हैं।

Written By :  aman
Update:2022-06-01 19:09 IST

Mukesh Ambani (File Photo)

रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड (RBL) ईटली की 'प्लास्टिक लेग्नो एसपीए' के भारतीय खिलौना निर्माण व्यवसाय में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा। इसके लिए दोनों कंपनियों की ओर से एक संयुक्त उद्यम व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए गए। रिलायंस ब्रांड्स का यह निवेश कंपनी के खिलौना व्यवसाय को और मजबूती देगा। बता दें, आरबीएल, रिलायंस रिटेल वेंचर्स (Reliance Retail Ventures) के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।

RBL की खिलौना उद्योग में मजबूत पैठ है। उसके पोर्टफोलियो में 'हैमलीज' और घरेलू खिलौना ब्रांड 'रोवन' शामिल हैं। हैमलीज के पास वर्तमान में 15 देशों में 213 स्टोर्स हैं। भारत में यह खिलौनों के स्टोर्स की सबसे बड़ी चेन है।

खिलौना निर्माण का मजबूत इको सिस्टम बनेगा

रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा, कि यह माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। विश्व स्तरीय खिलौना निर्माण में प्लास्टिक लेग्नो को गहरे अनुभव के साथ, वैश्विक खिलौना खुदरा उद्योग में हमारे मजबूत पैर जमाने से भारत में निर्मित खिलौनों के लिए नए दरवाजे और अद्वितीय अवसर खुलेंगे। इससे न केवल घरेलू खपत के लिए बल्कि वैश्विक बाजारों के लिए देश में एक मजबूत खिलौना निर्माण का इको सिस्टम बनेगा।'

खिलौना बाजार का 'वैश्विक हब' बनाने की तैयारी 

प्लास्टिक लेग्नो एसपीए का स्वामित्व सनिनो समूह के पास है। जिसके पास यूरोप में खिलौना उत्पादन का 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है। बढ़ते भारतीय खिलौना बाजार में पैठ बनाने और भारत को खिलौना बाजारों का 'वैश्विक हब' बनाने के उद्देश्य से समूह ने 2009 में देश में व्यवसाय शुरू किया।

'RBL को पाकर गौरवान्वित हूं'  

वहीं, सुनीनो ग्रुप के सह मालिक पाओलो सुनिनो ने कहा, 'हम इस संयुक्त उद्यम में भागीदार के रूप में RBL को पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि खिलौनों के उत्पादन में प्लास्टिक लेग्नो का अनुभव और हैमलीज की व्यावसायिक पहुंच, संयुक्त उद्यम कंपनी को अधिक से अधिक ऊंचाइयों और सफलताओं को प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए एक-दूसरे के पूरक होंगे। हमारे पास भारत के लिए महत्वपूर्ण विकास योजनाएं हैं। हम भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हैं। लेकिन, जब आरबीएल जैसा समूह साथ होता है, तो हमें यकीन होता है कि हम साथ मिलकर कुछ बड़ा कर सकते हैं।'

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