Sahara India Money Refund: सहारा इंडिया के निवेशकों के लिए जरूरी खबर, जानें कब तक मिलेगा फंसा हुआ पैसा
Sahara India Money Refund Investor : सहारा ग्रुप ने विज्ञापन जारी कर अपने निवेशकों से कहा कि सेबी के पास हमारे 25,000 करोड रुपए जमा है। बता दें SEBI ने सहारा ग्रुप की दो कंपनियों पर जुर्माना लगाया था।
Sahara India Refund Money Status : सहारा इंडिया (Sahara India) में पैसा लगाने वाले निवेशकों की संख्या करोड़ों में है। किसी जमाने में ये कंपनी आम भारतीयों के बीच सबसे भरोसेमंद कंपनी के तौर पर देखी जाती थी। निवेशक इसके तरफ इसलिए आकर्षित होते थे क्योंकि सहारा दूसरों की तुलना में अधिक रिटर्न देता था। लेकिन साल 2012 में सहारा की असलियित सामने आने लगी और 2014 में तो सहारा श्री सुब्रत रॉय (Subrata Roy) को सलाखों के पीछे भी जाना पड़ा।
सहारा इंडिया (Sahara Group) के गर्दिश में जाने के बाद उसके लाखों-करोड़ों निवेशक भी परेशान हैं। इतने साल बीत जाने के बाद भी उनके निवेश का कोई अता – पता नहीं है। निवेशकों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जिन्होंने अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई को बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए इसमें लगा दिया। आज वे अपने पैसा वापस मांगने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है।
सहारा ने भुगतान को लेकर SEBI पर लगाया ये आरोप
हाल ही में सहारा इंडिया की तरफ से अखबारों में एक विज्ञापन जारी किया गया है। उसमें सहारा ने कहा, हमें दौड़ने के लिए तो कहा जाता है मगर हमें बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया है। सेबी निवेशकों को भुगतान क्यों नहीं कर रहा है, जबकि उसके पास हमारे 25 हजार करोड़ रूपये जमा हैं।
सेबी की प्रतिक्रिया
सहारा के इस आरोप पर सेबी की भी प्रतिक्रिया आई है। सेबी का कहना है कि दस्तावेजों और रिकॉर्ड में निवेशकों का डाटा ट्रेस नहीं हो पा रहा है, जिस कारण वह भुगतान नहीं कर पा रही।
निवेशकों को उनका पैसा कब तक मिलेगा?
सहारा के रियल एस्टेट और हाउसिंग कंपनियों का ही पैसा लौटाया जा रहा है। सेबी को 81.70 करोड़ रूपये की कुल मुल राशि के लिए 19644 आवेदन मिले। सेबी ने इनमें से 138.07 करोड़ रुपये (मुलधन 70.09 करोड़ + ब्याज 67.98 करोड़ रूपये) रिफंड किए। बाकी आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए। इसका कारण ये है कि SIRECL और SHICL की तरफ से जो दस्तावेज मुहैया कराए गए थे, उनमें उनका रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है। साथ ही कई बॉन्डहोल्डर्स ने सेबी के सवालों के जवाब नहीं दिया है। इसलिए उनके आवेदन को बंद कर दिया गया है।
सेबी ने आगे के रिफंड के लिए सुप्रीम कोर्ट से डायरेक्शन मांगे हैं। अब आगे का रिफंड सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर ही निर्भर करेगा। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि SIRECL और SHICL में ही सिर्फ सहारा के निवेशक नहीं थे। इसके और भी करोड़ों निवेशक थे। जो सहारा के कारोबार ठप होने के कारण काफी प्रभावित हुए हैं। उन निवेशकों के बारे में अब तक किसी प्रक्रार का एक्शन सेबी और सुप्रीम कोर्ट के तरफ से देखने में नहीं आया है।