SBI Interest Rate: मंहगाई के बीच SBI का ग्राहकों को झटका, हुई कर्ज ब्याज दरों में बढ़ोतरी

SBI Interest Rate: दरअसल, कोई भी बैंक अपने कर्ज ब्याज दरों यानी लेंडिंग रेट में परिवर्तन करता है, तो इसका सीधा प्रभाव बैंक के ग्राहक पर पड़ता है। इसके वृद्धि किये जाने से बैंक से मिलने वाले हर लोन जैसे होम, कार और पर्सनल लोन इत्यादि मंहगे हो जाते हैं।

Written By :  Viren Singh
Update: 2022-11-16 12:12 GMT

MCLR Rates Hike (सोशल मीडिया)  

SBI Interest Rate: रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में वृद्धि किये जाने के बाद से लगातार सरकारी और निजी बैंक अपनी कर्ज ब्याज दरों में इजाफा कर रही हैं। इस कड़ी में देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपनी कर्ज ब्याज दरों (MCLR) में बढ़ोतरी कर दिया है। बैंक ने लेंडिंग रेट में 0.15 फीसदी की बढ़ोतरी की है। बैंक की बढ़ी हुई नई दरें 15 नवंबर, 2022 मंगलवार से लागू हो गई हैं।

15 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी

एसबीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, बैंक ने एमसीएलआर में 15 बेसिस प्वाइंट्स या 0.15 फीसदी की बढ़ोतरी की है। बैंक ने एक साल वाली एमसीएलआर में 0.10 फीसदी का इजाफा किया है,जिसके बाद यह बढ़कर 8.05 फीसदी हो गई है। इससे पहले यह 7.95 फीसदी थी। बैंक द्वारा एमसीएलआर में वृद्धि किये जाने के बाद से अब लोगों को होम लोन महंगा हो गया है। साथ ही, ग्राहकों की लोन पर चल रही ईएमआई भी महंगी हो गई हैं।

MCLR की बढ़ी हुई दरें


बैंक ग्राहकों पर पड़ेगा असर

दरअसल, कोई भी बैंक अपने कर्ज ब्याज दरों यानी लेंडिंग रेट में परिवर्तन करता है, तो इसका सीधा प्रभाव बैंक के ग्राहक पर पड़ता है। इसके वृद्धि किये जाने से बैंक से मिलने वाले हर लोन जैसे होम, कार और पर्सनल लोन इत्यादि मंहगे हो जाते हैं। इसके अलावा ग्राहकों के लोन पर चली रही ईएमआई भी मंहगी हो जाती हैं।

इन वजहों से बढ़ी रही कर्ज ब्याज दरें

देश में बढ़ी महंगाई को रोकने के लिए आरबीआई ने पांच महीनों के अंतराल में चार बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। हाल ही में सितंबर माह में चौथी बार केंद्रीय बैंक ने में 0.50 फीसदी का रेपो रेट में इजाफा किया था,जिसके बाद यह रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी पर आ गया है। इससे पहले आरबीआई ने अगस्त में 0.50 फीसदी, जून में 0.50 फीसदी वृद्धि और मई में आपातकाल मौद्रिक नीति की बैठक बुलाकर केंद्रीय बैंक ने 0.40 फीसदी वृद्धि की रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। केंद्रीय बैंक के इस कदम के बाद से देश में लगातार सरकारी और निजी क्षेत्र की बैंक कर्ज ब्याज दरें और जमा ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं।

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