YES BANK के ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

इस 55.56 फीसदी हिस्सेदारी में से SBI 45.74 फीसदी और एलआईसी( LIC ) की 9.81 फीसदी की​ हिस्सेदारी होगी। इसके अलावा, (HDFC Bank ) और (ICICI Bank) भी 6.31 फीसदी प्रत्येक और (Axis Bank) और कोटक महिंद्रा बैंक भी 3.15 फीसदी प्रत्येक की हिस्सेदारी खरीदेंगे।

Update: 2020-03-13 14:42 GMT

नई दिल्ली यस बैंक को बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने प्रस्ताव दिया है कि वो एलआईसी (LIC) के साथ मिलकर 55.56 फीसदी हिस्सेदारी रखेगी । इस 55.56 फीसदी हिस्सेदारी में से SBI 45.74 फीसदी और एलआईसी( LIC ) की 9.81 फीसदी की​ हिस्सेदारी होगी। इसके अलावा, (HDFC Bank ) और (ICICI Bank) भी 6.31 फीसदी प्रत्येक और (Axis Bank) और कोटक महिंद्रा बैंक भी 3.15 फीसदी प्रत्येक की हिस्सेदारी खरीदेंगे।

यस बैंक में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) की 8.06 फीसदी की हिस्सेदारी है। इसके साथ अब इस प्रस्ताव के बाद यस बैंक में LIC की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 17.87 फीसदी हो जाएगी। शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर के नए प्रस्ताव के तहत, एडिशनल टियर 1 बॉन्डहोल्डर्स की 10.73 फीसदी और मौजूदा शेयरहोल्डर्स 14.79 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी। नए शेयरहोल्डर्स यस बैंक में 11,000 करोड़ रुपये लगाएंगे। जबकि, SBI 7,250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके अलावा, (LIC) 1,350 करोड़ रुपये,( HDFC) बैंक और (ICICI) बैंक 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।

 

वित्त मंत्री का बयान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि पूंजीगत आवश्यकताओं को तत्काल और बाद में बढ़ाने के लिए अधिकृत पूंजी को 1100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6200 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि यस बैंक के पुनर्गठन की योजना को अधिसूचित करने के 3 दिनों के भीतर मौजूदा पाबंदियां हटा दी जाएगी। एक नया बोर्ड बनेगा जिसमें एसबीआई (SBI) के कम से कम 2 निदेशक होंगे, जो अधिसूचना जारी होने के 7 दिनों के भीतर कार्यभार संभाल लेंगे।

 

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कैबिनेट बैठक

एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी 500-500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। कैबिनेट बैठक में वित्त मंत्री ने जानकारी दी है​ कि यस बैंक के रिकन्स्ट्रक्शन प्लान में प्राइवेट लेंडर्स के लिए लॉक इन पीरियड 3 साल होगा। इस दौरान वे अपने स्टेक को 75 फीसदी से कम नहीं कर सकते हैं। वहीं, प्रमुख इन्वेस्टर यानी (SBI) के लिए भी लॉग इन पीरियड 3 साल के लिए होगा और एसबीआई भी अपनी हिस्सेदारी को इस दौरान 26 फीसदी से कम नहीं कर सकती है। जिन एटी1 बॉन्डहोल्डर्स ने यस बैंक में 8,800 करोड़ रुपये का निवेश किया है, उन्हें 80 फीसदी तक हेयरकट करना होगा क्योंकि उन्हें बैंक में 170 करोड़ शेयर्स मिलेंगे। शेयर अलॉटमेंट के बाद यह भी अगले 3 साल के लिए लॉक हो जाएगा। इसका मतलब है कि अगले 3 साल तक ये बॉन्डहोल्डर्स अपने शेयरों को कम नहीं कर सकते हैं।

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प्रस्ताव को मिली मंजूरी के अनुसार

प्रस्ताव को मिली मंजूरी के तहत, अगले 3 साल के लिए प्रशांत कुमार यस बैंक के नए प्रबंध निदेशक और चीफ एक्जीक्युटिव ऑफिसर होंगे। चेयरमैन और दो डायरेक्टर्स को आरबीआई नियुक्त करेगी। प्रस्ताव को मिली मंजूरी के मुताबिक, महेश कृष्णमूर्ति और अतुल भेड़ा यस बैंक के दो स्वतंत्र निदेशक होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैबिनेट में लिए गए फैसले की जानकारी देते समय कहा कि यस बैंक के पुनर्गठन से जुड़ी योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसबीआई ने यस बैंक 49 फीसदी तक निवेश किया है। इसके साथ ही अन्य निवेशकों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। एसबीआई के करीब 26 फीसदी निवेश की लॉक-इन अवधि तीन साल होगी। जबकि दूसरे निवेशकों के 75 फीसदी निवेश राशि की लॉक-इन अवधि तीन वर्ष होगी।

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