Union Budget 2024: 1 फरवरी को लेखानुदान बजट...होंगी नई घोषणाएं! निर्मला सीतारमण ने दी बड़ी जानकारी
Nirmala Sitharaman: सीतारमण ने कहा, "मैं खेल बिगाड़ना नहीं चाहती, लेकिन 1 फरवरी का बजट सिर्फ वोट ऑन अकाउंट है। कोई शानदार घोषणा नहीं होने वाली है।
Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले फरवरी में पेश होने वाले बजट के बारे में अभी से सारी स्थिति की साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि फरवरी में पेश होने वाले अंतरिम बजट 2024-25 में देश के लोगों को किसी शानदार घोषणा की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। इसके लिए उन्हें कुछ समय के लिए इंतजार करना होगा। दरअसल, अगले साल देश में लोकसभा चुनाव है, इसलिए सरकार लेखानुदान बजट पेश कर रही है। यह वोट-ऑन-अकाउंट (Vote on Account) बजट होगा। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट यानी नया बजट नई सरकार के गठन के बाद ही पेश किया जाएगा। बता दें कि लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना अभी बाकी है।
सीआईआई के कार्यक्रम में शामिल हुईं सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री ने ये बातें गुरुवार को सीआईआई के ग्लोबल इकोनॉमिक पॉलिसी फोरम में भाग लेते हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। इसका आयोजन नई दिल्ली में किया गया। सीतारमण ने कहा, "मैं खेल बिगाड़ना नहीं चाहती, लेकिन 1 फरवरी का बजट सिर्फ वोट ऑन अकाउंट है। अगली सरकार के सत्ता में आने तक खर्चों को पूरा करने वाला बजट। यहां पर कोई शानदार घोषणा नहीं होने वाली हैं। बता दें कि बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह छठवां बजट होगा।
पहले बोली थी ये बातें वित्तमंत्री ने
हालांकि इससे पहले वित्तमंत्री ने एक मीडिया के कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा था कि सरकार अंतरिम बजट 2024-25 में व्यापार करने में आसानी, घरेलू नवाचार को बढ़ावा देने और निजी निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। सरकार घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और वह इसके लिए उपायों को और बढ़ाने पर विचार कर रहा है, लेकिन आज निर्मला सीतारमण ने यह कह दिया कि सरकार वोट ऑन अकाउंट बजट में कोई बड़ी घोषणाएं नहीं करेगी, लेकिन इससे पहले साल 2019 में पेश हुए अंतरिम बजट में कई लोकलुभावन वादों की घोषणाएं की थी।
पिछले अंतरिम बजट में हुई थीं ये घोषणाएं
साल 2019 का अंतरिम बजट पीयूष गोयल ने पेश किया था। इस बजट में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़ी बड़ी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की थी। इसके अलावा इनकम टैक्स नियमों में बदलाव किया था। सरकार ने 5 लाख रुपये तक आय पर स्पेशल रिबेट दिया था, जबकि स्टैंडर्ड डिडक्शन को सालाना 40,000 रुपए से बढ़ाकर सालाना 50,000 रुपए किया गया था।
इस बजट को पेश करने के रूल्स
दरअसल, अंतरिम बजट में मुख्य रूप से सरकार के व्यय, राजस्व, राजकोषीय घाटा, वित्तीय प्रदर्शन और आने वाले महीनों के अनुमान शामिल होते हैं। इस बजट में कोई बड़ी नीतिगत घोषणा पेश नहीं की जाती हैं। भारत निर्वाचन आयोग की आचार संहिता के अनुसार, अंतरिम बजट में कोई भी बड़ी योजना शामिल नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह मतदाताओं को वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार के पक्ष में प्रभावित कर सकती है। यहां तक कि मौजूदा सरकार को भी अंतरिम बजट के साथ आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने की अनुमति नहीं है।
जानिए क्या होता है अंतरिम बजट?
संसद अंतरिम बजट के माध्यम से लेखानुदान पारित करती है। लेखानुदान को एक ऐसे प्रावधान के रूप में वर्णित किया जा सकता है जो मौजूदा सरकार को वेतन और चल रहे खर्चों जैसे आवश्यक सरकारी खर्चों के लिए संसदीय मंजूरी प्राप्त करने की अनुमति देता है। इसमें प्रमुख नीति परिवर्तन या नई दीर्घकालिक परियोजनाएं शामिल नहीं होंगी। इन्हें पूर्ण बजट के लिए रखा जाता है, जिसे आम चुनाव के बाद पेश और पारित किया जाता है। यह आमतौर पर दो महीने तक के लिए वैध होता है लेकिन इसे बढ़ाया जा सकता है।