Union Budget 2025: बजट इंटरनेशनल, 2025 में विदेशी निवेश को मिलेगी नई दिशा
Union Budget 2025 Update in Hindi: केंद्रीय बजट 2025 में छूट और कटौतियों को युक्तिसंगत बनाने सहित कॉर्पोरेट कर कानूनों को और सरल बनाने के साथ इस ट्रेंड को जारी रखने की उम्मीद है।;
Union Budget 2025: भारत अपनी आर्थिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। 2025 में विदेशी निवेश द्वारा भारत में निर्णायक भूमिका निभाने की उम्मीद है। अभूतपूर्व सुधारों से लेकर रणनीतिक प्रोत्साहनों तक, आगामी केंद्रीय बजट 2025 से विदेशी निवेशकों के लिए और भी अधिक अनुकूल वातावरण तैयार होगा।
बिजनेस फ्रेंडली
हाल के वर्षों में भारत ने अपनी टैक्स प्रणाली को सरल और आधुनिक बनाने के लिए व्यापक सुधार किए हैं। एक ऐतिहासिक बदलाव यह था कि नई विनिर्माण इकाइयों के लिए कॉर्पोरेट कर दरों में 15 फीसदी की कटौती की गई, जबकि अन्य कॉरपोरेट्स पर 22 फीसदी कर लगाया जाता है, जो पहले के 30 फीसदी से काफी कम है। साथ ही, भारतीय कॉरपोरेट्स द्वारा जुटाए गए विदेशी उधार पर ब्याज पर कम कर दर लागू की गई है। इनमें से कुछ राजकोषीय कदमों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में बिलियन डॉलर के विदेशी प्रवाह में योगदान दिया है।
भारत ने कई देशों के साथ टैक्स अग्रीमेंट किये हैं, जो विदेशी निवेशकों को लाभ प्रदान करते हैं। सरकार ने निवेश को और बढ़ावा देने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं। उचित बाजार मूल्य से ऊपर शेयर जारी करने पर एंजल टैक्स को खत्म करने और दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कर दरों को 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी करने से इक्विटी बाजारों में तेजी आई है। गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) ऑफशोर फंड और वित्तीय संस्थानों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है, जो 10 साल तक की कर छूट प्रदान करता है। इसके अलावा, उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं ने फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव विनिर्माण जैसे उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में विकास को उत्प्रेरित किया है।
केंद्रीय बजट से उम्मीद
केंद्रीय बजट 2025 में छूट और कटौतियों को युक्तिसंगत बनाने सहित कॉर्पोरेट कर कानूनों को और सरल बनाने के साथ इस ट्रेंड को जारी रखने की उम्मीद है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य पूर्वानुमान को बढ़ाना, मुकदमेबाजी को कम करना और व्यवसायों के लिए एक स्पष्ट रोडमैप प्रदान करना है।बजट में घरेलू और विदेशी निवेशकों दोनों के लिए कर अनुपालन को सरल बनाने के उद्देश्य से व्यापक उपाय पेश किए जाने की उम्मीद है। अपेक्षित खास उपायों में पुरानी कटौतियों और छूटों को हटाना शामिल है, जो टैक्स दाखिल करने को जटिल बनाते हैं।
ये बदलाव विदेशी निवेशकों के लिए कराधान को सरल बनाएंगे, जिससे ग्लोबल कॉरपोरेट्स के लिए अपनी प्रभावी कर देनदारियों का पूर्वानुमान लगाना आसान हो जाएगा। सरकार नए विनिर्माण सेट-अप के लिए 15 फीसदी कर व्यवस्था का विस्तार करने और विदेशी ऋण निवेश पर कर दरों को कम करने पर विचार कर सकती है। इस तरह के सुधार विनिर्माण के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। टैक्स विवाद लंबे समय से विदेशी निवेशकों के लिए परेशानी का सबब रहे हैं। बजट में सीमा पार टैक्स विवादों को सुलझाने के लिए फास्ट-ट्रैक ट्रिब्यूनल स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है। एकमुश्त कर विवाद निपटान योजना में बहुराष्ट्रीय उद्यमों से जुड़े विवादों को शामिल किए जाने की उम्मीद है।
5 ट्रिलियन डॉलर का विजन
चूंकि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का टारगेट रखता है, इसलिए इसकी टैक्स नीतियां महत्वपूर्ण हैं। पारदर्शिता को बढ़ावा देकर, मुकदमेबाजी को कम करके और रणनीतिक प्रोत्साहन देकर, सरकार निरंतर विकास की नींव रख रही है। केंद्रीय बजट 2025 एक गेम-चेंजर होने की उम्मीद है, जो टैक्स अनुपालन को और सरल करेगा और उभरते क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करेगा।