वॉयस ऑफ बैंकिंग ने बजट सुझाव के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को भेजा पत्र, दिये दो अहम सुझाव
Budget 2023: अभी बैंकों में एक दिन में सैकड़ों शिकायतें आती हैं और बैंकों के अगल अगल जगह भेजे जाने पर हजारों की संख्या में तब्दील हो जाती है। इससे लिए बैंक के कर्मी और ग्राहकों काफी परेशानी होती है।
Budget 2023: आम बजट 2023 को अगले साल फरवरी माह में संसद में पेश किया जाना है। लेकिन उससे पहले बजट 2023 को लेकर सुझावों का दौर जारी है। इस दौरान व्यापार जगत के कई दिग्गज लोग और इससे जुड़ी संस्थाएं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट को लेकर अपने सुझाव दे चुके हैं। इस सुझावों की कड़ी अब वॉयस ऑफ बैंकिंग ने एक सुझाव दिया है। वॉयस ऑफ बैंकिंग के मुखिया अश्वनी राणा ने आगामी बजट को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक सुझाव पत्र लिखा है। यह सुझाव पत्र बैंकों के ग्राहकों के हितों को लेकर है।
वित्त मंत्री को भेज दो यह सुझाव
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण को वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्वनी राणा ने जो सुझाव पत्र दिया है, उसमें उन्होंने लिखा है कि सरकार ग्राहकों के 5 लाख से अधिक जमा राशि के लिए डिपाजिट बीमा की सुविधा प्रदान करे। इसके साथ, एकीकृत शिकायत पोर्टल तैयार करे।
इससे अधिक राशि को भी मिले सुरक्षा
राणा ने कहा कि सरकार ने बैंक ग्राहकों के लिए जमा राशि की सुरक्षा को 1 लाख से बढ़कर 5 लाख कर दिया था। इससे बैंकों के ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है और वह अपने को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बैंकों के अनुसार 98.3% ग्राहक इस सुरक्षा कवच में आ जाते हैं, लेकिन जिन ग्राहकों की जमा राशि 5 लाख से अधिक है और उनको लगता है कि उनकी बैंकों में जमा राशि सुरक्षित नहीं है। उनके लिए एक विशेष डिपाजिट बीमा की शुरुआत करनी चाहिए जिसके द्वारा ग्राहक 5 लाख से अधिक की अपनी जमा राशि को कुछ प्रीमियम देकर सुरक्षित रख सकते हैं। सरकार के इस कदम से ग्राहकों को राहत महसूस होगी। वहीं, बैंकों से ग्राहक अपनी जमापूंजी दूसरी जगह जैसे चिटफंड, क्रिप्टो करेंसी, शेयर मार्केट या ऐसे अन्य जगह पर निवेश नहीं करेंगे।
एकीकृत शिकायत पोर्टल की हो शुरुआत
इसके अलावा अश्वनी राणा ने कहा कि रिजर्व बैंक को ग्राहकों की सुविधा के लिये एकीकृत शिकायत पोर्टल को सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के ग्राहकों की सभी तरह की शिकायतों के लिए शुरू कर देना चाहिए, ताकि ग्राहक अपनी शिकायत एक ही पोर्टल पर दर्ज करा सकें। अभी किसी तरह की शिकायत के लिए ग्राहक सम्बंधित बैंक में अपनी शिकायत करवाता है। ज्यादातर ग्राहक अपनी शिकायत को बैंक की शाखा, ग्राहक शिकायत केन्द्र, क्षेत्रीय कार्यलय, अंचल कार्यलय, प्रधान कार्यलय और बैंकों के चेयरमैन को अलग अलग दर्ज करवाते हैं। इससे एक ही शिकायत पर सभी जगहों पर अलग अगल कार्रवाई शुरू हो जाती है,जिससे ग्राहका का सही से समाधान नहीं हो पाता है और एक ही शिकायत के लिए बैंकों की मैनपावर का नुकसान होता है। यदि केंद्र सरकार बैंकों के लिए भी एकीकृत शिकायत पोर्टल बना दे तो ग्राहकों किसी भी बैंक की शिकायत एक पोर्टल पर सकेगा और उस पोर्टल से शिकायत को सम्बंधित बैंक को भेज दिया जायेगा। एकीकृत शिकायत पोर्टल की शुरू हो जाने से ग्राहकों की शिकायत का त्वरित कार्रवाई हो सकेगी और बैंकों के मैनपॉवर की बचत होगी।
अब आई सैकड़ों शिकायतें हो जाती हैं हजार शिकायतों में तब्दील
राणा ने बताया कि अभी बैंकों में एक दिन में सैकड़ों शिकायतें आती हैं और अलग अलग जगहों बैंक की शाखा, ग्राहक शिकायत केन्द्र, क्षेत्रीय कार्यलय, अंचल कार्यलय, प्रधान कार्यलय और बैंकों के चेयरमैन को भेजने से सेंकडों शिकायतें हजारों में तबदील हो जाती हैं। एकीकृत शिकायत पोर्टल से जहाँ कम कर्मचारियों के साथ बैंक शिकायतों का समाधान कर सकेंगे वहीं ग्राहक पोर्टल के द्वारा अपनी शिकायत की स्थिति की जानकारी भी ले सकेंगे।