What is Cryptocurrency: जानें क्या है क्रिप्टो करेंसी, भारत में होगी बैन, सरकार ला रही विधेयक

What is Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पास हो जाने पर बिटकॉइन और एथेरेम (Bitcoin and Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।

Written By :  Neel Mani Lal
Written By :  Yogesh Mishra
Update: 2021-11-24 13:39 GMT

क्रिप्टो करेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)

What is Cryptocurrency: भारत में हर तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Kya Hai) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। इसके लिए सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पेश करेगी। क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) का नाम 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021'(The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) है।

क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पास हो जाने पर बिटकॉइन और एथेरेम (Bitcoin and Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।

सरकार को यह फ़ैसला महज़ इसलिए करना पड़ा रहा है क्योंकि इस तरह की करेंसी से न केवल ब्लैक मनी में इज़ाफ़ा होगा बल्कि यदि इन करेंसियों में लेन देन शुरू हुआ तो सरकार के कर राजस्व में बेहद कमी हो जायेगी।

हजारों क्रिप्टोकरेंसियों की राह में रोड़े

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) में यह कहा गया है कि नई आए डेवलपिंग टेक्नोलॉजी और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दी जाए। यानी कुछ प्राइवेट क्रिप्टो करेंसियों को इजाजत दी जा सकती है।

इसका आधार क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news today in hindi) के बारे में किसी भी तरह का पूर्व सत्यापन वाला रुख हजारों क्रिप्टोकरेंसियों की राह में रोड़े खड़ा करेगा। क्योंकि ये करेंसियां नियामक निगरानी के दायरे से बाहर संचालित होने के कारण ही खूब फलती फूलती हैं।

क्रिप्टोकरेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)

जानकारी के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी (digital currency) बनाने और जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाने की भी बात है।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी लोकतांत्रिक देशों को मिल कर ये सुनिश्चित करना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) गलत हाथों में न पड़े क्योंकि ऐसा होने पर वह हमारे युवाओं को बर्बाद करसकती है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency kya hai in hindi
)

क्रिप्टो (Crypto) का मतलब है सीक्रेट, गोपनीय, छिपा हुआ। एक मतलब होता है किसी ग्रुप या अवधारणा से गुप्त रूप से जुड़ा होना। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में ये दोनों मायने लागू होते हैं। ये सीक्रेट और गुप्त है ।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को एक डिजिटल मुद्रा भी कह सकते हैं जो कंप्यूटर की गणना पर आधारित है। इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता। यह किसी बैंक या सरकार से नहीं जुड़ी होती बल्कि स्वतंत्र होती है।इसे बिना पहचान जाहिर किए खर्च किया जा सकता है, यानी क्रिप्टो को लेने या देने वाला गुप्त रहते हैं।

किसी भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को यूजर खुद ही बनाते हैं। इसके लिए उन्हें इनको 'माइन' करना पड़ता है। माइन या मिन्टिंग दरअसल, कंप्यूटर में जटिल कैलकुलेशन होती है जिसके लिए बहुत ज्यादा बिजली और कंप्यूटर की जबरदस्त कंप्यूटिंग ताकत लगती है।

बहरहाल, यूजर को 'माइन' के लिए उन्हें कंप्यूटर गणना करने की क्षमता देनी होती है। इसके बदले में उन्हें बिटकॉइन (Bitcoin) या क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मिलते हैं। इन क्रिप्टोकरेंसी को कॉइन एक्सचेंज (cryptocurrency coin market cap) में डॉलर या दूसरीमुद्राओं के बदले खरीदा भी जा सकता है। कुछ कारोबार में बिटकॉइन मुद्रा के रूप में भी इस्तेमालहोती है।

दरअसल, दुनिया भर में सरकारें लोगों के धन पर एक बड़ा प्रभाव डालती हैं, जिसके परिणामस्वरूप मुद्रा के अवमूल्यन, अर्थव्यवस्था के संकट और गोपनीयता जैसे मुद्दे उत्पन्न होते हैं। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के समर्थक क्रिप्टो स्पेस को एक ऐसी कुंजी मानते हैं जिसमें सरकार से औसत व्यक्ति तक पावर ट्रान्सफर होती है। सबको सामान प्लेटफार्म पर सामान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।

क्रिप्टोकरेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)

क्रिप्टोकरेंसी इतिहास (Cryptocurrency History)

क्रिप्टोकरेंसी (news on cryptocurrency) के सैद्धांतिक पहलू 1980 के दशक की शुरुआत में ही मौजूद थे । तब भी जिसे पूर्व-बिटकॉइन युग कहा जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के सैद्धांतिक पहलू को पहली बार पारंपरिक करेंसीयानी फिएट मनी की कमियों के समाधान के रूप में पेश किया गया था।

यह कहा गया कि पारंपरिक मुद्रा किसी बैंक, सरकार या अर्थव्यवस्था से नियंत्रित होती है, जिसे मैनीपुलेट किया जा सकता है। इसके विपरीत क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news today in hindi) का सिद्धांत सिर्फ गणितीय और कंप्यूटर-आधारित है जिसे कोई तोड़-मरोड़ नहीं सकता।

क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news) का पहला प्रैक्टिकल स्वरूप अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर डेविड चाउम द्वारा पेश किया गया था। उन्होंने एक एल्गोरिथ्म विकसित किया जो वर्तमान में वेब-आधारित एन्क्रिप्शन की नींव के रूप में कार्य करता है।

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