500 रुपये के नोट पर आई बड़ी खबर, सरकार ने दिया ये बड़ा बयान

वॉट्सऐप समेत तमाम सोशल मीडिया पर इन दिनों 500 रुपये के नोट को लेकर एक मैसेज वायरल हो रहा है। यह मैसेज 500 रुपये के नोट के नकली या असली होने से संबंधित है। इस पोस्ट में आपके 500 रुपये के दो नोट की तस्वीरें हैं।

Update: 2019-12-19 11:38 GMT

नई दिल्ली: वॉट्सऐप समेत तमाम सोशल मीडिया पर इन दिनों 500 रुपये के नोट को लेकर एक मैसेज वायरल हो रहा है। यह मैसेज 500 रुपये के नोट के नकली या असली होने से संबंधित है। इस पोस्ट में आपके 500 रुपये के दो नोट की तस्वीरें हैं।

कहा जा रहा है कि 500 रुपये के उस नोट को मत लीजिए जिसमें हरे रंग की पट्टी महात्मा गांधी की फोटो के नजदीक है। यह नोट नकली है। इस मैसेज में कहा गया है कि ऐसे नोट को ही लीजिए जो गवर्नर के हस्ताक्षर के करीब है यानी कि नोट के बीच में है।

इसके बाद पीआईबी की फैक्ट चेकिंग टीम ने इस पोस्ट की हकीकत खंगाली। इसमें पाया गया कि दोनों नोट असली हैं और दोनों स्वीकार्य करेंसी हैं।

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PIB India ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से इस झूठ का पर्दाफाश किया है और एक पोस्ट शेयर किया है। पीआईबी ने ट्वीट में लिखा है कि वॉट्सऐप पर एक टिकटॉक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि जिस नोट में हरे रंग की पट्टी गांधी जी की फोटो के नजदीक है, वह फेक है।

पीआईबी ने साथ ही स्पष्ट किया है कि ये दोनों नोट स्वीकार्य हैं। Press Information Bureau का निष्कर्ष है कि यह फेक न्यूज है।

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PIB की पहल

बता दें कि पीआईबी ने सरकार और उसकी नीतियों को लेकर सोशल मीडिया पर चलने वाली फेक न्यूज को चिह्नित करने के लिए एक फैक्ट चेक यूनिट बनाई है। इस यूनिट में पीआईबी के कर्मचारी हैं। साथ ही बाहर से भी संविदा पर कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। यह टीम WhatsApp, Twitter, Facebook जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले पोस्ट को मॉनिटर करती है।

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संदेह होने पर पीआईबी को भेजें

एक रिपोर्ट मुताबिक अगर आपको वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड हो रहे किसी मैसेज, ट्वीट या फेसबुक पोस्ट की सत्यता पर संदेह है तो आप उसे पीआईबी को भेज सकते हैं। इसके लिए आपको संबंधित पोस्ट का स्क्रीनशॉट pibfactcheck@gmail.com पर ईमेल करना होगा। हालांकि, खबर के सरकार के मंत्रालयों या विभागों से संबंधित होने के बाद ही तथ्यों की जांच पीआईबी टीम की ओर से की जाएगी।

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