Inflation in india: अभी तो बढ़े रह सकते हैं खाने-पीने की चीजों के दाम

Inflation in india: इस साल अभूतपूर्व गर्मी और कमजोर मानसून व पानी की कमी के कारण पौध उगाने और रोपनी, दोनों में रुकावट आई है और सब्जियों की कमी और ज्यादा गई है।

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2024-06-22 14:51 GMT

Inflation In India

Inflation in india: भारत में नवंबर 2023 से खाने-पीने की चीजों के दामों की महंगाई आठ प्रतिशत के आस-पास ही है। जानकारों का मानना है कि अभी भी इसके नीचे आने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। भारत में महंगाई मापते हुए जिन चीजों के दाम देखे जाते हैं, उनमें लगभग आधी हिस्सेदारी खाने-पीने की चीजों की होती है। खाद्य पदार्थों में महंगाई की वजह से कुल महंगाई रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य के ऊपर ही रह रही है और इसी वजह से रिज़र्व बैंक ब्याज दरों को नीचे नहीं ला रहा है।

क्या है वजह

जानकारों के अनुसार, पिछले साल के सूखे और इस समय चल रही हीट वेव की वजह से दालों, सब्जियों और अनाज जैसी चीजों की सप्लाई कम हो गई है। सरकार ने निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हैं और आयात पर कर कम किया है, लेकिन इन कदमों का भी कुछ खास असर नहीं हुआ है। सब्जियों की सप्लाई गर्मियों में वैसे भी कम हो जाती है, लेकिन इस साल प्रचंड गर्मी के कारण सप्लाई में सामान्य से काफी ज्यादा कमी आई है। हीट वेव की वजह से खेतों में से काटी जा चुकी सब्जियां जल्द खराब हो रही हैं। भोपाल, लखनऊ, इंदौर, वाराणसी जैसे शहरों में 70 - 80 रुपये किलो से कम कोई सब्जी ही नहीं है।गर्मी की वजह से प्याज, टमाटर, बैंगन और पालक जैसी सब्जियों को उगाने में भी दिक्कत आ रही है। आमतौर पर जून से सितंबर तक होने वाली मॉनसून की बारिश के पहले सब्जियों के बीज तैयार करते हैं और बारिश के बाद उन्हें खेत में लगाते हैं। इस साल अभूतपूर्व गर्मी और कमजोर मानसून व पानी की कमी के कारण पौध उगाने और रोपनी, दोनों में रुकावट आई है और सब्जियों की कमी और ज्यादा गई है।


मॉनसून कमजोर

इस साल मॉनसून का दक्षिणी छोर से आगमन जल्दी हो गया और फिर वह समय से पहले महाराष्ट्र भी पहुंच गया। लेकिन फिर उसकी आगे बढ़ने की गति धीमी हो गई, जिसका नतीजा यह हुआ कि तबसे बारिश सामान्य से 18 प्रतिशत कम हुई है। हालांकि, जून की कमजोर बारिश के बावजूद मौसम विभाग ने बाकी के मॉनसून के लिए औसत से ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान दिया है।


उम्मीद की किरण

उम्मीद की जा रही है कि सब्जियों के दाम अगस्त के बाद नीचे आ सकते हैं, लेकिन वह भी तब अगर मॉनसून फिर गति पकड़े और तय समय पर पूरे देश में फैल जाए। लेकिन जुलाई और अगस्त में अगर बाढ़ आ गई या कई दिनों तक बारिश नहीं हुई, तो इससे उत्पादन साईकल बिगड़ सकता है।

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