WPI Inflation: थोक महंगाई दर तीन महीने के निचले स्तर पर, नवंबर में 1.89 प्रतिशत हुई, जानिए कैसे?
WPI Inflation: यह गिरावट सब्जियों की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट के कारण आई है, जो अक्टूबर में 63.04 प्रतिशत की तुलना में 28.57 प्रतिशत कम रही। प्याज की कीमतों में भी भारी गिरावट आई, जो महीने के दौरान 2.85 प्रतिशत कम रही।
WPI Inflation: यह खबर सरकार और आम जन के लिए राहत देने वाली है। नवंबर में थोक मूल्य मुद्रास्फीति घटी गई है। नवंबर माह में यह घटकर 1.89 प्रतिशत पर आ गई है। आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की थोक कीमतें कम होने से थोक महंगाई दर में नरमी देखने को मिली है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं, विशेषकर सब्जियों और प्याज की कीमतों में भारी गिरावट के कारण भारत की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में तीन महीने के निचले स्तर 1.89 प्रतिशत पर आ गई, यह अक्टूबर में 2.36 प्रतिशत थी।
पिछले वर्ष नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 0.39 प्रतिशत थी। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 8.63 प्रतिशत रह गई, जबकि अक्टूबर में यह 13.54 प्रतिशत थी। यह गिरावट सब्जियों की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट के कारण आई है, जो अक्टूबर में 63.04 प्रतिशत की तुलना में 28.57 प्रतिशत कम रही। प्याज की कीमतों में भी भारी गिरावट आई, जो महीने के दौरान 2.85 प्रतिशत कम रही।
विनिर्मित वस्तुओं के मामले में मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत रही
हालांकि, आलू की बात करें तो मुद्रास्फीति 82.79 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही, जबकि प्याज की मुद्रास्फीति नवंबर में तेजी से हुई गिरावट के साथ 2.85 प्रतिशत पर आ गई। वहीं ईंधन और बिजली श्रेणी में नवंबर में 5.83 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई, जबकि अक्टूबर में इस श्रेणी में 5.79 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई थी। विनिर्मित वस्तुओं के मामले में नवंबर में मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर में यह 1.50 प्रतिशत थी।