Zomato-Blinkit Merger: जोमैटो और ब्लिंकिट का होगा विलय, टर्म शीट पर किए हस्ताक्षर
Zomato-Blinkit Merger: जोमैटो और ब्लिंकिट ने सभी स्टॉक विलय के लिए एक टर्म शीट पर हस्ताक्षर किए हैं, और इस सप्ताह की शुरुआत में सीसीआई से इसकी मंजूरी के लिए संपर्क करने की उम्मीद है।
Zomato-Blinkit Merger: 10 मिनट में डिलीवरी का ई कॉमर्स मॉडल शायद फिलहाल सफल साबित नहीं हो पा रहा है। इसका पहला संकेत है 10 मिनट की किराना डिलीवरी कंपनी 'ब्लिंकिट' (Blinkit) का 'ज़ोमैटो' (Zomato) के साथ विलय। ब्लिंकिट का नाम पहले ग्रोफर्स हुआ करता था। इस विलय के पीछे ब्लिंकिट का नकदी संकट है।
समझा जाता है कि दोनों कंपनियों ने सभी स्टॉक विलय के लिए एक टर्म शीट पर हस्ताक्षर किए हैं, और इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से इसकी मंजूरी के लिए संपर्क करने की उम्मीद है।
इस बीच, ज़ोमैटो ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया है कि वह ग्रोफ़र्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को निकट अवधि की "पूंजीगत आवश्यकताओं" को पूरा करने के लिए 150 मिलियन डॉलर का ऋण दे रहा है। उसने कहा कि वह फूड रोबोटिक्स कंपनी मुकुंदा फूड्स में 50 लाख डॉलर में 16.66 फीसदी हिस्सेदारी खरीद रही है। पता चला है कि ब्लिंकिट के शेयरधारकों को ब्लिंकिट के प्रति 10 शेयरों पर ज़ोमैटो का एक शेयर मिलेगा। ब्लिंकिट के शेयरधारकों में प्रमुख निवेशक सॉफ्टबैंक और टाइगर ग्लोबल शामिल हैं।
ब्लिंकिट को गंभीर नकदी-संकट का सामना करना पड़ा था
पिछले साल जोमैटो ने ब्लिंकिट में करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। जोमैटो ने इस महीने की शुरुआत में 100 मिलियन डॉलर और दिए थे क्योंकि ब्लिंकिट को गंभीर नकदी-संकट का सामना करना पड़ रहा था। जिसके कारण उसने अपने 50 से अधिक डार्क स्टोर बंद कर दिए और सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की। जोमैटो के नवीनतम बाजार पूंजीकरण के आधार पर, ब्लिंकिट का मूल्य 700 से 750 मिलियन डॉलर होने की संभावना है।
ब्लिंकिट ने10 मिनट के डिलीवरी सेगमेंट में खुद को ग्रोफर्स से ब्लिंकिट के रूप में रीब्रांड किया था। बताया जाता है कि ब्लिंकिट और जोमैटो के बीच कम से कम अप्रैल 2020 से विलय की बातचीत चल रही थी।