प्राकृतिक चिकित्सा में कैरियर: भविष्य निर्माण की हैं अपार संभावनाएं, जानें पाठ्यक्रम और संस्थान के बारे में

Career in Naturopathy: प्राकृतिक चिकित्सा में कैरियर: प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में भविष्य निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। निजी उपक्रम आरंभ करके इस क्षेत्र में काफी आगे बढ़ सकते हैं।

Written By :  Sarojini Sriharsha
Update:2022-05-29 22:07 IST

Career in Naturopathy - Photo - Social Media

Career in Naturopathy: संप्रति शायद ही ऐसी कोई हो जगह जहां लोग तरह-तरह के रोगों से पीड़ित न रहते हों। ऐसी दशा में रोगों को दूर करने के लिए दवाओं की जरूरत भी अवश्यंभावी है। इसके लिए एलोपैथी आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी (Allopathy Ayurvedic and Homeopathy) आदि चिकित्सा पद्धतियों का प्रयोग तो किया जाता है परंतु इन पद्धतियों से रोग सदा के लिए दूर नहीं हो पाते। अतः अब अधिकांश लोग प्रकृति की ओर आकर्षित होने लगे हैं। वैसे भी प्राकृतिक आयुर्विज्ञान (natural medicine) का संबंध हमारे देश में आदि काल से ही रहा है। प्राकृतिक चिकित्सा (naturopathy) वास्तव में एक सुव्यवस्थित जीवन पद्धति है।इस विद्या के विशेषज्ञ इस सिद्धांत पर उपचार करते हैं कि मानव शरीर की संरचना प्रकृति की ही देन है। हमारा शरीर आकाश, जल , वायु, पृथ्वी और अग्नि से मिल कर बना है। जब इनमें आपसी संतुलन बिगड़ जाता है तो मनुष्य रोगों का शिकार हो जाता है।

प्राकृतिक चिकित्सा मनुष्य का तनाव और अवसाद दोनों दूर करता है

इस चिकित्सा का प्रभाव स्थाई होता है मनुष्य का तनाव और अवसाद इस चिकित्सा के अपनाने से दूर हो जाता है। यह चिकित्सा प्रणाली शारीरिक और मानसिक दोनों की कमियों को दुरुस्त कर मनुष्य को तंदुरुस्त बनाती है। चूंकि यह प्रणाली सात्विक और शुद्ध है इसलिए व्यक्ति को अपूर्व शांति प्राप्त होती है। इससे मनुष्य का कायाकल्प हो जाता है। अतः तन मन को स्वस्थ रखने हेतु प्रकृति से जुड़ना बहुत जरूरी है।

प्राकृतिक चिकित्सक इलाज में मिट्टी, पानी शाकाहार एवं व्यायाम के संतुलन के जरिए उपचार करते हैं। इस प्रकार की चिकित्सा विधि का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद चिकित्सक की उपाधि भी प्राप्त होती है। आजकल तो बड़े बड़े अस्पतालों में भी प्राकृतिक चिकित्सा विभाग अलग से बनाए जाने लगे हैं। जो व्यक्ति करियर के रूप में इस क्षेत्र को अपनाना चाहते हैं उनके लिए निम्नलिखित संस्थानों में पांच वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम की पूरी व्यवस्था है।

*गांधी प्राकृतिक चिकित्सा विद्यापीठ अमीरपेठ, बेगमपेठ, हैदराबाद-500016

*श्री डी एम कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज, उजीरे-574240(कर्नाटक)।

प्राकृतिक चिकित्सा के तीन वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम निम्नलिखित संस्थानों में सुचारू रूप से चलाए जा रहे हैं-

*डिप्लोमा इन नेचुरोपैथिक साइंसेज एंड योगा, डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वर्क्स लखनऊ विश्वविद्यालय , लखनऊ।

*देव अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र , मोती झील कानपुर

*आरोग्य मंदिर, गोरखपुर

*योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा चंद्र महाविद्यालय देसराज परिसर, सी ब्लॉक ईस्ट ऑफ कैलाश- दिल्ली-65।

* अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद, 15 राजघाट कॉलोनी , दिल्ली-21

*इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड रिसर्च 24/157 शक्तिनगर , दिल्ली-110007

* गांधी नेशनल अकादमी ऑफ नेचुरोपैथी, गांधी स्मारक चिकित्सा समिति, गांधी स्मारक निधि, 15 राज घाट कॉलोनी, रिंग रोड, दिल्ली-110002

इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंसेज टुमकुर रोड, बैंगलोर। तो पूरी तरह प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित है जहां विशुद्ध प्राकृतिक तौर तरीकों पर इलाज का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस चिकित्सा पद्धति में बढ़ती विश्वसनीयता को देखते हुए प्राकृतिक आयुर्विज्ञान को मान्यता दिलाने हेतु राज्य सरकारों ने भी जागरूकता दिखानी प्रारंभ कर दी है।

प्राकृतिक चिकित्सा का पाठ्यक्रम

अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक स्वास्थ्य एवं योग प्रतिष्ठान एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो प्राकृतिक चिकित्सा का पाठ्यक्रम पूरा करने पर प्रशिक्षुओं को डॉक्टर की उपाधि प्रदान करती है। यह पाठ्यक्रम जुलाई एवं फरवरी में आरंभ होता है जिसको अवधि दो वर्षो की है। हमारे देश में इसका मुख्य कार्यालय गांधी सेवा आश्रम, ओयल, ऊना, हिमाचल प्रदेश में है। इसकी शाखाएं हमारे देश के अनेक भागों में कार्यरत हैं।

प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में भविष्य निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। सरकारी नौकरी पर निर्भर रहने के बजाय ऐसे चिकित्सक स्वयं विशेषज्ञ बनकर निजी उपक्रम आरंभ करके इस क्षेत्र में काफी आगे बढ़ सकते हैं। परोपकार के साथ संयम एवं संतोष रखने वाले व्यक्तियों के लिए इस क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ने के अनेक अवसर उपलब्ध है।

योग के साथ साथ प्राकृतिक चिकित्सा में भी डिप्लोमा

योग के साथ साथ प्राकृतिक चिकित्सा में भी डिप्लोमा प्राप्त करके सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सेवा के अवसर उपलब्ध है। अनेक स्वयंसेवी , धर्मार्थ एवं गैर सरकारी पंजीकृत संस्थाएं भी नेचुरोपैथिस्ट की नियक्ति करती है। आजकल कई बॉडी क्लीनिको में भी नेचुरोपैथिस्ट को प्राथमिकता दी जाती है। प्राकृतिक चिकित्सा एक जीवन पद्धति है और हमारे समाज के लिए यह अत्यंत उपयोगी साबित हुई है। कहना न होगा कि आज इस क्षेत्र में स्वरोजगार की भी अपार संभावनाएं हैं।

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