UPSC Result 2021: गरीबी से निकलकर यूपीएससी में हासिल किया मुकाम, आइये जानें हुनरबाजों के बारे में
UPSC Result 2021 List: मुजफ्फरपुर के रहने वाले विशाल ने इस यूपीएससी 2021 परीक्षा में 484वाँ स्थान हासिल कर अपनी मेहनत और संघर्ष को साकार कर दिया है।
UPSC Topper List: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2021 का परिणाम बीते दिनों घोषित होने के साथ ही इतिहास की छात्रा श्रुति शर्मा (Shruti Sharma) ने पहली रैंक हासिल कर परीक्षा टॉप की है। श्रुति शर्मा के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर भी महिलाओं ने कब्जा जमाने में सफलता हासिल की है।
यूपीएससी 2021 के परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मेहनत और परिश्रम किसी आर्थिक स्थिति की मोहताज नहीं। यदि आपके भीतर लगन और जुनून है तो विपरीत परिस्थितियां होने के बावजूद आप देश की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा को भी भेद सकते हैं।
आज के इस लेख में हम आपको ऐसे ही हुनरबाज छात्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होनें परिस्थिति और समस्याओं से लड़ते हुए UPSC परीक्षा में सफलता हासिल की। मुजफ्फरपुर के रहने वाले विशाल (Vishal Kumar) ने इस यूपीएससी 2021 परीक्षा में 484वाँ स्थान हासिल कर अपनी मेहनत और संघर्ष को साकार कर दिया है।
संघर्षशील और प्रेरणादायी विशाल की कहानी
विशाल की कहानी बेहद ही संघर्षशील और उतनी ही प्रेरणादायी भी है। बचपन के पिता का साया हटने के बाद विशाल को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विशाल को छोटी उम्र से ही बड़ा अफसर बनने की चाह थी लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति विशाल के सपने के बीच रोड़ा बनकर खड़ी थी। ऐसे में विशाल की मां ने घर चलाने के लिए बक़री और भैंस पाली तथा जैसे-तैसे उसी से घर का खर्च चलता रहा। विशाल के इस संघर्ष में सबसे अधिक मदद उनके स्कूल टीचर गौरी शंकर ने की। बतौर विशाल गौरी शंकर सर ने विशाल को यूपीएससी की तैयारी के लिए अपने घर पर रखा और उसे पढ़ाई और अन्य खर्च के लिए पैसे भी दिए। बीते दिन आए यूपीएससी 2021 परिणाम में विशाल ने सफलता हासिल कर सभी संघर्षों को पार करते हुए कीर्तिमान रच दिया।
जब किसी विद्यार्थी को बचपन में आप को पढ़ाने का दायित्व कभी मिला हो और सबसे बड़ी बात है कि वह आपके मोहल्ले का रहने वाला छोटे भाई समान हो, और जब पता चले कि वह UPSC में 360 वां रैंक लाया है तो काफी गर्व होता है और ऐसे विद्यार्थी से सीखने को मिलता है की धैर्य रखकर मेहनत करने पर सफलता एक दिन जरूर मिलता है। आज उनके पिताजी कमलेश चौधरी तो इस दुनिया में नहीं है लेकिन वह आज जहां भी होंगे तो काफी प्रसन्न होंगे और उनको अपने बेटे पर काफी गर्व होगा। अमन आपने तो बिक्रमगंज रोहतास के अलावा उन सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत है जो छोटे जगह से होकर भी बड़े सपने देखते हैं। आप रियल हीरो हो, आपकी मां को मेरा प्रणाम जो आप जैसे होनहार और संस्कारी बच्चे की सफलता में उनका अहम रोल रहा, बिक्रमगंज के आपके प्रारंभिक शिक्षा का स्कूल गांधी शिक्षा निकेतन के सभी गुरुओं को भी मेरा सलाम। आज भी हमें याद है कि बचपन से ही आपका एक ही लक्ष्य था UPSC, भले आपने NDA भी क्वालीफाई किया, फिर उसे छोड़कर आप बैंक में मैनेजर बन गए लेकिन अंत में आपने अपना लक्ष्य पा ही लिया। ऐसे रियल हीरो को सलाम है।
मैथेमैटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव ने विशाल के बारे में क्या बताया
एक रु दक्षिणा वाले बिहार के मैथेमैटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव ने बिहार के हुनरबाज छात्र विशाल के बारे में बताया - जब किसी विद्यार्थी को बचपन में आप को पढ़ाने का दायित्व कभी मिला हो और सबसे बड़ी बात है कि वह आपके मोहल्ले का रहने वाला छोटे भाई समान हो, और जब पता चले कि वह UPSC में 360 वां रैंक लाया है तो काफी गर्व होता है और ऐसे विद्यार्थी से सीखने को मिलता है की धैर्य रखकर मेहनत करने पर सफलता एक दिन जरूर मिलता है। आज उनके पिताजी कमलेश चौधरी तो इस दुनिया में नहीं है लेकिन वह आज जहां भी होंगे तो काफी प्रसन्न होंगे और उनको अपने बेटे पर काफी गर्व होगा। अमन आपने तो बिक्रमगंज रोहतास के अलावा उन सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत है जो छोटे जगह से होकर भी बड़े सपने देखते हैं। आप रियल हीरो हो, आपकी मां को मेरा प्रणाम जो आप जैसे होनहार और संस्कारी बच्चे की सफलता में उनका अहम रोल रहा, बिक्रमगंज के आपके प्रारंभिक शिक्षा का स्कूल गांधी शिक्षा निकेतन के सभी गुरुओं को भी मेरा सलाम। आज भी हमें याद है कि बचपन से ही आपका एक ही लक्ष्य था UPSC, भले आपने NDA भी क्वालीफाई किया, फिर उसे छोड़कर आप बैंक में मैनेजर बन गए लेकिन अंत में आपने अपना लक्ष्य पा ही लिया। ऐसे रियल हीरो को सलाम है।
2016 की परीक्षा में अंसार अहमद शेख ने हासिल की थी सफलता
इससे पहले भी साल 2016 की यूपीएससी परीक्षा परिणाम में अंसार अहमद शेख ने सफलता हासिल की थी। UPSC 2016 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के समय अंसार की उम्र महज 21 वर्ष थी जो कि अपने आप में एक प्रेरणा है। अंसार ने 361वीं रैंक हासिल की थी।
अंसार ने बेहद ही संघर्ष से विपरीत परिस्थितियों को मात देते हुए सफलता हासिल की थी। अंसार के पिता एक ऑटो ड्राइवर और उनके भाई मैकेनिक का काम करते थे, अंसार के परिवार ने उसके सपनों का पूरा समर्थन किया और बदले में अंसार ने परीक्षा पास करते हुए सभी का सिर हमेशा के लिए गर्व से ऊंचा कर दिया।