युवाओ में कम ही दिख रहे कोरोना के लक्षण, स्वास्थ्य मंत्रालय बोला- ज्यादा रहें सतर्क

डॉ वीके पॉल ने कहा कि कोरोना की चपेट में आ रहे नई उम्र के युवाओं में कोरोना के लक्षण कम ही देखने को मिल रहे हैं।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Shreya
Update:2021-05-18 22:46 IST

खिड़की के पास खड़ा बच्चा (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Coronavirus: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) में संक्रमण काफी तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। अब कोविड-19 संक्रमण तेजी से बच्चों और युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। यही नहीं युवाओं और बच्चों में कोरोना के अलग लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। इस बीच आज यानी मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बच्चों के प्रति संक्रमण के खतरे को लेकर चिंता जाहिर की है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि कोरोना की चपेट में आ रहे नई उम्र के युवाओं में कोरोना के लक्षण कम ही देखने को मिल रहे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा बीते साल दिसंबर में किए गए सर्वे के मुताबिक, वयस्क (Adults) और दस साल तक के बच्चों में सीरो पॉजिटिविटी की दर (Seropositivity Rate) एक समान है। ये करीब 22 से 23 फीसदी है।

डॉ वीके पॉल ने कहा कि ऐसे में इन लोगों का ज्यादा ध्यान रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों के इलाज के प्रोटोकॉल के बारे में हमारी वेबसाइट पर बताया गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों में पहले बिना लक्षण वाला ही कोरोना होता है। ऐसे में बच्चों को भी मास्क लगाया जाए और डिस्टेंस को मेटेंन कराया जाए और लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज शुरू कराया जाए। बिना लक्षण वाले बच्चों से ही कोरोना फैलता है और उनकी परिजनों को भी इस बारे में पता नहीं होता।

वैक्सीन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

जल्द शुरू होगा बच्चों के वैक्सीन का ट्रायल

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बच्चों के टीकाकरण के लिए कौवैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी दी जा चुकी है। जो कि अगले 10 से 12 दिनों में शुरू हो जाएगा।

गौरतलब है कि कोरोना की घातक दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) के बीच बीच वैज्ञानिकों की ओर से तीसरी लहर को लेकर लगातार चेतावनी दी जा रही है। साथ ही इस लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की भी बात कही जा रही है। लेकिन कई राज्यों में तीसरी लहर आने से ही पहले बच्चों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते देखे जा रहे हैं।

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