Covid-19 Omicron India: कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक, क्या हैं इसके लक्षण और कैसे करें बचाव?

Covid-19 Omicron India: भारत में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) घातक होती जा रही है। देश में इस जानलेवा महामारी से संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन, क्या आपको पता है कि इस लहर का एक और डरावना पहलू है। वो है बच्चों में बढ़ता संक्रमण।

Written By :  aman
Update:2022-01-07 12:19 IST

Covid-19 Omicron India: भारत में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) घातक होती जा रही है। देश में इस जानलेवा महामारी से संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन, क्या आपको पता है कि इस लहर का एक और डरावना पहलू है। वो है बच्चों में बढ़ता संक्रमण।

गौरतलब है, कि अब तक कोरोना की पहली और दूसरी लहर की तुलना में इस बार बच्चों के संक्रमित होने के मामले ज्यादा आ रहे हैं। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि इस लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की वजह क्या है? साथ ही, उन्हें कैसे बचाया जाए?

हाल के दिनों के कुछ मामले 

देश के विभिन्न राज्यों से बीते 15 दिनों में ऐसी रिपोर्ट आई, जो चिंता बढ़ाने वाली है। जैसे, 22 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के नदिया जिला में एक ही स्कूल के 29 बच्चों के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर आई थी। इसके बाद, बिहार के शेखपुरा से 18 बच्चों के संक्रमित होने की जानकारी आई। फिर, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में दो स्कूलों के 36 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद उत्तराखंड के एक स्कूल में 82 बच्चों के संक्रमण ने तो डरा ही दिया था। उसके बाद तो जैसे बच्चों के कोरोना संक्रमण के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे। कोरोना पॉजिटिव होने के इन आंकड़ों से हडकंप मच है। 

\संक्रमित बच्चों की संख्या में तेजी से इजाफा

देश का कोई हिस्सा नहीं बचा है जहां इस तीसरी लहर में बच्चे भी कोरोना का शिकार नहीं हो रहे हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर में तो हालत क्या है इसे आप आंकड़ों की जुबानी समझें। इंदौर में पिछले दो महीने में 241 बच्चे कोरोना की चपेट में आये हैं। याद करें, कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सबसे सुरक्षित बच्चे ही थे। विशेषज्ञ द्वारा कहा जाता रहा है, कि बच्चों में वयस्कों की तुलना में इम्यूनिटी ज्यादा अच्छी होती है। लेकिन, इस बार यह सुरक्षा कवच भी काम नहीं आ रहा। जिन शहरों में कोरोना संक्रमितों की संख्या ज्यादा है, वहां देखें तो कोराना के शिकार बच्चों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है। 

मुंबई के आंकड़े तो और डराने वाले 

देश की व्यापारिक राजधानी मुंबई में बीते  एक महीने में करीब 3,516 बच्चों के कोरोना पॉजिटिव होने के आंकड़े सामने आये हैं। महाराष्ट्र में बच्चों के लिए कोरोना की स्पेशल टास्क फोर्स (special task force) बनाई गई है। यह टास्क फ़ोर्स बच्चों में कोरोना के संक्रमण पर नजर बनाए रहती है। इस टास्क फोर्स का भी मानना है, कि तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक संकेत दे रही है। बच्चों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण  मद्देनजर अब डॉक्टर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि असल में इसकी वजह क्या है?

हालांकि, जानकारों का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हैं। --

वैक्सीन से बड़े बच रहे, बच्चे चपेट में  

माना जा रहा है कि अब लगभग सभी घरों में वयस्कों को टीके लग चुके हैं। इसलिए उनमें संक्रमण के बाद भी लक्षण नहीं दिखता। मगर, इनसे अनजाने में ही घर के बच्चे संक्रमित हो जाते हैं। क्योंकि इन्हें अभी वैक्सीन नहीं दिया गया है। इसके अलावा एक अन्य वजह, ये भी है कि अब ज्यादातर व्यस्क टीका लगवा चुके हैं और बच्चों को टीका नहीं लगा है, इसलिए उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। वहीं, ओमिक्रोन की संक्रमण दर पहले के सभी वेरिएंट से ज्यादा होने के कारण भी बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस बीच देशभर में स्कूल कॉलेज का खुलना भी बच्चों में संक्रमण फैलने की बड़ी वजह माना जा रहा है। 

अब तक ज्यादा माइल्ड सिस्टम ही 

हालांकि, राहत की एक बात ये है कि अब तक देशभर में जितने भी बच्चे संक्रमित हुए हैं, उनमें ज्यादातर माइल्ड सिस्टम ही नजर आए हैं। कोई-कोई मामला ही ऐसा रहा है जहां बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी हो। बावजूद इसके विशेषज्ञ लापरवाही न बरतने की चेतावनी दे रहे हैं। 

बच्चों में कोरोना के लक्षण को कैसे पहचानें?

कोरोना के शिकार होते बच्चे हर अभिभावक के लिए डराने वाली बात है।ओमिक्रोन की संक्रमण दर इस खतरे को लगातार बढ़ाती जा रही है। हम पहले भी देख चुके हैं कि देश में अस्पताल और दूसरी जरूरी चीजों का इंतजाम बहुत बड़ी चुनौती हो जाती है। बच्चों में कोरोना के मामले हर माता-पिता को डरा रहे हैं। इसलिए ये जानना बेहद जरूरी है, कि हम बच्चों में कोरोना के लक्षण कैसे पहचानें? जानें ये हैं लक्षण --

- बुखार का बने रहना

- त्वचा पर लाल निशान

- उल्टी होना

- पेट संबंधी परेशानी

- होठों का सूखना

- आंखें लाल होना

- शरीर या जोड़ों में दर्द

- चिड़चिड़ापन

- थकान, सुस्ती और ज्यादा नींद

- होठ और चेहरे का नीला पड़ना

अगर आपके घर के बच्चों में भी उपरोक्त लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो देर न करें। बच्चे को तुरंत डॉक्टर से दिखाएं। क्योंकि, अगर बच्चा ज्यादा छोटा है तो उसके लिए अभी वैक्सीन भी नहीं है। तो ऐसे में तुरंत कोई देर किए बिना अस्पताल व नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। 

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