IT क्षेत्र की दिग्गज कंपनी Infosys रूस में बंद कर रही दफ्तर, ब्रिटेन के वित्त मंत्री तो वजह नहीं !
Infosys to Shut Operations in Russia : ब्रिटिश मीडिया संस्थान का आरोप है कि इंफोसिस अपने मास्को स्थित कर्मचारियों को दूसरे जगह काम तलाशने के लिए कहा है।
Infosys to Shut Operations in Russia : व्यापार जगत की खबरों की मानें तो कहा जा रहा है कि सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र (IT Sector) सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस (Infosys) रूस (Russia) में अपने सभी ऑफिस बंद करने जा रही है। ब्रिटिश मीडिया ने कंपनी के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) के दामाद ऋषि सुनक (Rishi Sunak) पर व्लादिमीर पुतिन सरकार से मुनाफाखोरी का आरोप लगाया है।Infosys to Shut Operations in Russia :
बता दें कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के चांसलर (UK chancellor) हैं। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) ने सूत्रों के हवाले से ये दावा किया है। इस ब्रिटिश मीडिया संस्थान का आरोप है कि इंफोसिस अपने मास्को स्थित कर्मचारियों को दूसरे जगह काम तलाशने के लिए कहा है। इंफोसिस ने स्थानीय उद्यमों (Local Enterprises) के साथ किसी भी सक्रिय व्यावसायिक संबंध होने से इनकार किया है। कंपनी ने कहा है, कि कंपनी ने यूक्रेन में युद्ध पीड़ितों के राहत के लिए 1 मिलियन डॉलर देने का वादा किया था।
क्या है माजरा?
गौरतलब है कि, ऋषि सुनक की शादी एन. आर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति के साथ हुई है। माना जाता है कि अक्षता मूर्ति के पास इंफोसिस के 40 करोड़ पाउंड से ज्यादा के शेयर हैं। ये अलग बात है कि ऋषि ने इन रिपोर्ट्स का हमेशा ही खंडन किया है। जानकारी के अनुसार, अक्षता की इंफोसिस में 0.9 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने का अनुमान है। ऋषि के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर पहले ही कहा था, कि न तो उनकी और न ही उनके परिवार के किसी भी सदस्य की 'कंपनी के ऑपरेशन के फैसलों में कोई भागीदारी है।'
बता दें कि ऋषि सुनक ब्रिटिश सरकार में वित्त मंत्री हैं और इंफोसिस के मालिक एन.आर. नारायण मूर्ति के दामाद भी। इसीलिए ऋषि और इंफोसिस के संबंधों पर ब्रिटिश मीडिया दावे कर रही है।
रूस में कब से कारोबार कर रही
भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक इंफोसिस दुनिया के लगभग 50 देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए हुए है। साल 2016 में कंपनी ने मास्को में एक इंजीनियरिंग केंद्र की स्थापना की थी। यानी रूस में कंपनी महज 6 साल पुरानी है। कहा जाता है, कि मास्को स्थित दफ्तर में करीब 100 लोग काम करते हैं। हाल में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद, कई आईटी फर्मों ने देश में अपने ऑपरेश को सस्पेंड कर दिया। जबकि इंफोसिस कहती रही है कि उसकी एक छोटी टीम वहां काम कर रही है।