Indo-US Relation: रूस को लेकर संबंधों में आए कड़वाहट के बीच अमेरिका जाएंगे राजनाथ-जयशंकर

Indo-US Relation: अमेरिका की कोशिश जहां भारत को रूस के पाले से खींचकर अपने पाले में लाना है, वहीं भारत की कोशिश रूस के साथ अपने संबंधों की रक्षा करने के साथ-साथ अमेरिका की चिंताओं को दूर करने का भी है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Published By :  Rakesh Mishra
Update: 2022-04-07 14:54 GMT

रूस को लेकर संबंधों में आए कड़वाहट के बीच अमेरिका जाएंगे राजनाथ-जयशंकर

Indo-US Relation: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग की आंच भारत-अमेरिका संबंधों पर भी देखने को मिल रहा है। रूस के खिलाफ भारत के नरम रवैये का अमेरिका आलोचना कर चुका है और भारत से अपना रूख बदलने की अपील की है। रूस मुद्दे पर जारी खींचतान के बीच अमेरिका और भारत के बीच राजधानी वाशिंगटन में शीर्ष स्तर की बैठक होने जा रही है। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर आने वाले दिनों में अमेरिका की उड़ान भरेंगे।

अमेरिका में टू-प्लस-टू वार्ता

भारत और अमेरिका के बीच टू–प्लस-टू वार्ता का आयोजन 11 अप्रैल को यूएस की राजधानी वाशिंगटन डीसी में आयोजित होने की संभावना है। इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने समकक्षों अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात करेंगे। इससे पहले दोनों देशों के बीच टू-प्लस-टू वार्ता 2020 में नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।

वहीं भारत और अमेरिका ने पिछले साल सितंबर में वाशिंगटन में द्विपक्षीय टू-प्लस-टू अंतर सत्रीय बैठक का आयोजन किया था। बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं तकनीक, आर्थिक एवं वाणिज्यिक सहयोग और स्वच्छ ऊर्जा समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई थी।

वार्ता को माना जा रहा अहम

अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन में इंडिया और यूएस के शीर्ष स्तर के नेताओं के बीच बातचीत ऐसे समय में हो रही है, जब दुनिया में रूस औऱ यूक्रेन युद्ध का मुद्दा छाया हुआ है। इसका प्रभाव दोनों देशों के संबंधों पर भी देखने को मिल रहे हैं। अमेरिका द्वारा लगातार भारत पर रूस के खिलाफ सख्त स्टैंड लेने का दवाब है। कई अमेरिकी अधिकारियों द्वारा इसे लेकर भारत को धमकी भरे लहजे में चेतावनी भी दी गई थी, जिसपर भारत ने भी पलटवार किया था।

अमेरिका की कोशिश जहां भारत को रूस के पाले से खींचकर अपने पाले में लाना है, वहीं भारत की कोशिश रूस के साथ अपने संबंधों की रक्षा करने के साथ-साथ अमेरिका की चिंताओं को दूर करने का भी है। इसके अलावा दुनिया के ये दो बड़े लोकतांत्रिक देश रूस-यूक्रेन संकट को खत्म करने पर भी चर्चा कर सकते हैं।

Tags:    

Similar News