Lassa Virus: चूहों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी की दस्तक, जानें लासा वायरस के लक्षण और होने वाले खतरों के बारे में

Lassa virus : लासा वायरस पर की गई अभी तक की रिसर्च के मुताबिक लासा वायरस से संक्रमण के अधिकतर मामलों में शुरुआती लक्षणों का पता नहीं चल पाता है।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-02-15 12:53 IST

लासा वायरस (Social Media)

Lassa Virus : महामारी (Mahamari) और संक्रमण (Infection) की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक ओर जहां कोरोना संक्रमण के नए-नए संस्करणों ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा रखी है वहीं दूसरी ओर एक और नए वायरस ने दस्तक दे दी है। इस वायरस का नाम 'लासा' (Lassa virus) है और अभीतक कि जांच में यह सामने आया ही यह चूहों से होकर इंसानों में फैलता है। कोरोना संक्रमण महामारी (Corona Virusinfection) ने एक ओर जहां लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है वहीं दूसरी ओर इस नए संक्रमण से यकीनन लोगों की चिंताओं में भारी इजाफा हो सकता है। 

लासा संक्रमण के दस्तक

कई वर्षों पूर्व यह वायरस अफ्रीकी देशों में सर्वप्रथम पाया गया था (आपको बता दें कि कोरोना का नया ओमिक्रोन संस्करण भी अफ्रीकी देश में ही सर्वप्रथम पाया गया था), लेकिन इसको लेकर वैश्विक रूप से चिंता में इजाफा जब हुआ जब इस संक्रमण के 3 मामले ब्रिटेन में पाए गए। अभीतक कुल 3 लासा संक्रमित व्यक्तियों में से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन में लासा संक्रमण के दस्तक देने के साथ ही शोध वैज्ञानिकों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गयी हैं। इस वायरस को लेकर सबसे बड़ी चिंता की वजह इसके बारे में अधिक जानकारियों का ना होना है और साथ ही अभीतक इससे सम्बंधित कोई इलाज या टीका भी मौजूद नहीं है।

मृत्यु दर है बेहद कम

लासा वायरस पर की गई अभीतक की रिसर्च के मुताबिक लासा वायरस से संक्रमण के अधिकतर मामलों में शुरुआती लक्षणों का पता नहीं चल पाता है। शोध वैज्ञानिकों के मुताबिक लासा संक्रमण के चलते मृत्यु दर बेहद ही कम है, जो कि एक राहत की बात है लेकिन अभीतक इस बीमारी का कोई पुख्ता ईलाज ना होना आगे समस्या खड़ी कर सकता है। वैज्ञानिकों द्वारा जारी शोध आंकड़ों पर जाएं तो करीब 15 प्रतिशत लासा संक्रमित मरीजों की मौत हो जाती है। 

कैसे फैलता है लासा वायरस

लासा वायरस चूहों से इंसानों में फैलता है। हमारे आस-पास की खाद्य पदार्थों और अन्य चीजों के चूहों के संपर्क में आने के पश्चात हमारे द्वार उनका सेवन करने अथवा इस्तेमाल करने के चलते यह संक्रमण फैल सकता है। अनुमानित तौर पर 1969 नाइजीरिया देश के लासा में संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि के साथ ही इस वायरस का नाम लासा वायरस रखा गया है। 

कितने दिन में दिखता है लक्षण और किसे है अत्यधिक खतरा 

शोध वैज्ञानिकों की मानें तो लासा वायरस से सर्वाधिक खतरा गर्भवती महिलाओं को हो सकता है, क्योंकि चूहों द्वारा संक्रमित की गई चीज़ें यदि गर्भवती महिला ग्रहण करती है तो उसके साथ-साथ उसके बच्चे को भी संक्रमण से हानि हो सकती है। लासा वायरस से संक्रमित होने के पश्चात आमतौर पर 2-3 सप्ताह बाद ही पूर्ण रूप से लक्षण दिखाई देता है।

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