Omicron Variant: ओमीक्रान से सावधान, कहीं आपको तो पहले नहीं हुआ कोरोना, पढ़ लें ये पूरी रिपोर्ट
Omicron Variant: कोरोना महामारी झेल रही दुनिया के सामने अब एक नया ओमीक्रान वेरियंट आ चुका है, ओमीक्रान इंसान के डिफेन्स सिस्टम (Defense System) को तोड़ देता है।
New Delhi: अभी तक ये माना जाता था कि जो लोग पहले कोरोना से संक्रमित (Infected with Corona) हो कर ठीक हो गए हैं उनके शरीर में इस वायरस के प्रति एंटीबाडीज (Antibodies) डेवलप हो जाती हैं और दोबारा संक्रमण होने की गुंजाइश बहुत कम हो जाती है। लेकिन ओमीक्रान वेरियंट (Omicron variant) के प्रति ऐसी एंटीबाडीज फेल साबित हो रही हैं। साउथ अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ओमीक्रान इनसान के डिफेन्स सिस्टम (Defense System) को तोड़ देता है।
ओमीक्रान वेरियंट का पता चले अभी हफ्ता भर ही हुआ है और ये 25 से ज्यादा देशों में मिल चुका है जिससे ये आशंका पैदा हुई है कि कहीं ये वेरियंट काफी पहले से तो नहीं फैला हुआ है। दुनिया डेल्टा वेरियंट (delta variant) से निपटने में जुटी हुई थी और ओमीक्रान वेरियंट अपने पैर पसार रहा था। अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि बहुत जल्द ये वेरियंट दुनिया के हर कोने में फ़ैल जाएगा। इसका मतलब ये हुआ कि दो साल से महामारी झेल रही दुनिया के सामने अब रिकवरी के बजाय नई लहर का खतरा बन गया है।
बात इम्यूनिटी (immunity) की
कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की शुरुआत से ही कई वैज्ञानिकों का मानना था कि कोरोना वायरस संक्रमण से अर्जित की हुई इम्यूनिटी न तो पूर्ण है और न स्थाई है और कुछ लोगों में दोबारा संक्रमण भी होता है। लेकिन भी शरीर के डिफेन्स सिस्टम में पूर्व संक्रमण से बनी इम्यूनिटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो करोड़ों लोगों के रीइन्फेक्शन से बचे रहने से साबित होता है। लेकिन ओमीक्रान वेरियंट से एक नई आशंका बन गयी है।
दरअसल, साउथ अफ्रीका में वैज्ञानिकों ने नवम्बर महीने में कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक तेज उछाल देखा जिसमें हैरानी की बात थी कि बहुत से केस ऐसे थे जो पहले संक्रमित हो कर ठीक हो चुके थे। वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसा बीटा और डेल्टा वेरियंट के मामले में नहीं देखा गया था।
साउथ अफ्रीका के संक्रामक रोग संस्थान के अनुसार रीइन्फेक्शन (reinfection) के तीन चौथाई मामले ओमीक्रान वेरियंट वाले हैं। एक स्टडी में बताया गया है कि ओमीक्रान वेरियंट में पहले के इन्फेक्शन से बनी इम्यूनिटी को चकमा देने की अच्छी खासी क्षमता है। साउथ अफ्रीका में 40 फीसदी आबादी को पहले कोरोना संक्रमण हो चुका है और करीब 30 फीसदी आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक डोज़ लग चुकी है।
नए संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं
इसके बावजूद नए संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं जिसका मतलब आसानी से समझा जा सकता है। नवम्बर के पहले दो हफ़्तों में साउथ अफ्रीका में रोजाना औसतन 260 केस आ रहे थे लेकिन 2 दिसंबर को इनकी संख्या 8600 हो गयी थी। अब लगभग पूरा अफ्रीका ओमीक्रान की चपेट में ( Omicron in Africa) आ चुका है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब अफ्रीका में सघन वैक्सीनेशन (vaccination) का तात्कालिक लाभ मिलना भी मुश्किल है क्योंकि फुल डोज़ के कम से कम दो हफ्ते बाद इम्यूनिटी डेवलप होती है।