Bihar News: BJP मंत्री की हुई फजीहत, चिलचिलाती गर्मी में बांट दिये कंबल, Video देखकर लोग बोले- मूर्खों की कमी नहीं
Bihar News: बिहार के खेल मंत्री ने चिलचिलाती गर्मी में 700 से ज्यादा लोगों को कंबल बांटे हैं। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।;

Bihar News: बिहार अजब-गजब है... ये लाइन आप खुद कहेंगे जब आप यहां का एक मामला सुनेंगे। दरअसल, बिहार में जब तेज धूप और गर्मी से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है, तब यहां लोगों को गर्म कंबल बांटे गए हैं। ये कारनामा राज्य के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने किया है, जो बीजेपी कोटे से नीतीश सरकार में मंत्री हैं।
कंबल बांटते हुए मंत्री का वीडियो वायरल
बेगूसराय में तपती धूप से परेशान लोगों को सुरेंद्र मेहता ने कंबल बांटे हैं। मंत्री ने करीब 700 लोगों को कंबल बांटे हैं। इसका एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसे देखकर लोगों ने मंत्री जी को खरी-खरी सुनाई है। लोगों का कहना है कि मंत्री जी समझ ही नहीं पाए हैं कि ऐसे मौसम में लोगों को गर्मी से बचाने वाली चीजों की जरुरत होती है। एक यूजर ने लिखा कि बिहार में मूर्खों की कमी नहीं है। जबकि दूसरे ने लिखा कि मंत्री जी दूरदर्शी हैं, उन्होंने काफी आगे का सोच लिया।
बीजेपी स्थापना दिवस के मौके पर बांटे गये कंबल
जानकारी के मुताबिक, बेगूसराय जिले के मंसूरचक प्रखंड के अहियापुर में 6 अप्रैल को बीजेपी का 46वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा था। इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के खेल मंत्री सुरेंद्र कुमार मौजूद थे। और इसी दौरान उन्होंने 700 से ज्यादा लोगों को कंबल बांटे। हालांकि, इसका एक वीडियो राष्ट्रीय जनता दल ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिससे मामला सामने आ गया। सोशल मीडिया पर वीडियो खूब वायरल हो रहा है और लोग मंत्री समेत सरकार पर तंज कस रहे हैं।
मंत्री ने दी सफाई
वीडियो वायरल होने के बाद सुरेंद्र मेहता ने सफाई दी है। हालांकि, लोगों का मानना है कि मंत्री जी ने सफाई कम, बल्कि अपनी ही सरकार की पोल ज्यादा खोल दी है। मंत्री मेहता का कहना है कि आज भी लाखों लोग हैं, जो पेड़ के नीचे रहने पर मजबूर हैं और वे संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में अगर उन्हें कंबल दिया गया तो यह उनके ही काम आने वाला है। मंत्री जी के इस बयान पर भी लोगों ने उनकी क्लास लगा दी। लोगों का कहना है कि ये आपकी सरकार की कमियां है कि आज भी बिहार में लोग पेड़ के नीच रहने पर मजबूर हैं।