सॉल्व हुई 2 साल पुरानी मर्डर मिस्ट्री, लूट की कोशिश में की गई हत्या, दो आरोपी गिरफ्तार

पिछले दो साल से मर्डर मिस्ट्री की जांच कर रही सीबीआई व एसटीएफ ने संयुक्त रूप से अंकित चौहान मर्डर केस की गुत्थी को सुलझा लिया। हत्या अंकित की फारच्यूनर कार लूट की कोशिश में की गई थी।

Update: 2017-06-02 08:56 GMT

नोएडा: पिछले दो साल से मर्डर मिस्ट्री की जांच कर रही सीबीआई व एसटीएफ ने संयुक्त रूप से अंकित चौहान मर्डर केस की गुत्थी को सुलझा लिया। हत्या अंकित की फारच्यूनर कार लूट की कोशिश में की गई थी। सीबीआई ने इस मामले में आरोपी पर पांच लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया था। फिलहाल संयुक्त टीम ने मर्डर मिस्ट्री में शामिल दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान शशांक जादौन पुत्र शिवपाल सिंह निवासी प्रताप विहार गाजियाबाद व मनोज कुमार विजय नगर गाजियाबाद के रूप में हुई है। घटना में प्रयुक्त होंडा एकार्ड कार सफेद रंग और घटना में प्रयुक्त नंबर प्लेट भी बरामद की गई है।

एनसीआर की सभी होंडा कारों के डाटा से मिले लिंक

- सीबीआई व एसटीएफ ने दिल्ली एनसीआर की सभी होंडा कारों का डाटा एकत्रित किया।

- जांच में पाया गया कि एक होंडा एकार्ड कार यूपी-14 बीए -2300 से मिलता जुलता नंबर प्राप्त हुआ है।

- यह नंबर यूपी-14बीए -2200 था। गहनता से सत्यापन के एसटीएफ की टीम वाहन मालिक के पास पहुंचे। मालिक ने यह कार शशांक जदौन को बेची थी। हुलिए के आधार पर पूछताछ में संयुक्त टीम को संदेह हुआ।

टैटू से की गई पहचान

शशांक के जयपुर में होने की जानकारी मिली। संयुक्त टीम जयपुर पहुंची। लेकिन तब तक वह दिल्ली निकल चुका था। ऐसे में टीम ने शशांक को धौलाकुआं से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अंकित चौहान को गोली मारकर हत्या करने की बात स्वीकार की। घटना के दौरान अंकित के दोस्त गगन ने गोली चलाने वाले के हाथ में दो टैटू होने की बात कही थी। जिससे आरोपी की पहचान की गई। पूछताछ में उसने बताया कि उसके साथ पंकज पुत्र श्रीपाल भी था। पंकज की मौत तीन से चार माह पहले हो चुकी है।

आर्थिक मंदी का शिकार बना था आरोपी

अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राजीव नरायण मिश्र शशांक जादौन दिल्ली स्कूल ऑफ इंजीनियर से सिविल इंजीनियर में बीटेक है। इसके पिता गाजियाबाद रेलवे स्टेश्न पर सीनियर बुकिंग क्लर्क है। पूछताछ में बताया कि बिटेक के बाद रियर इस्टेट ब्रोकेज का कार्य शुरू किया। नोएडा के सेक्टर-63 में आफिस भी खोला। शुरुआत में लाभ कमाने के बाद आर्थिक मंदी के चलते काफी घाटा हो गया। शशांक की मित्रता पंकज से थी।

उधार की रकम लौटाने के लिए बनाई लूट की योजना

- शशांक ने पंकज को चार लाख रुपए दिए थे। शशांक वह रुपए वापस मांग रहा था। पंकज ने पैसे देने में असमर्थता जताई।

- साथ ही पंकज ने शशांक को बताया कि यदि हम कोई फारच्यूनर कार लूटकर सतपाल उर्फ सत्ते को देंगे तो वह इसके बदले हमे मोटी रकम देगा।

- शशांक ने पंकज के साथ मिलकर योजना बनाई। दोनों होंडा कार लेकर मनोज कुमार पेशे से ट्रक डइवर से पास गए।

- यह तीनों लोग फारच्यूनर कर ढूढंने लगे। जब यह लोग एसेंचर कंपनी के पास पहुंचे तो वहा अंकित चौहान की फारच्यूनर कार दिखी।

- घंटो तक इंतजार के बाद गगन व अंकित दोनों आए और कार से चल दिए। तीनों ने कार का पीछा किया। बरौला बाइपास रोड पर सेक्टर-76 के पास फारच्यून कार को ओवरटेक कर रोक लिया।

- इसके बाद शशांक ने अंकित को गोली मार दी। गोली लगने से अंकित वहीं अचेत हो गया। जिसके बाद शशांक व मनोज व पंकज तीनों होंडा कार से फरार हो गए।

कहां-कहां फंसा जांच में पेच

- दोस्त गगन: हत्या का सबसे पहला शक अंकित के दोस्त गगन पर गया। ऐसा इसलिए भी क्योंकि वह वारदात के समय अंकित के साथ मौजूद था और ताबड़तोड़ फायरिंग मेंं उसे खरोंच तक नहीं आई थी हालांकि लंबी पूछताछ और इलेक्ट्रानिक सर्वेलांस से भी गगन के खिला पुलिस कुछ नहीं निकाल पाई

- पुश्तैनी रंजिश: मेरठ में अंकित के परिवार को लेकर चल रही पारिवारिक रंजिश पर पुलिस तह तक गई इसके चलते पुलिस ने अंकित के एक ममेरे भाई अभिष्ोक से लंबी पूछताछ की अंकित के परिजनों ने पुलिस को इस रंजिश के बारे में बताया था हालांकि जांच में यह साफ नहीं हो पाया है कि पारिवारिक रंजिश के चलते अंकित की हत्या की गई है।

पत्नी अमीषा पर भी था शक

वारदात के दूसरे या तीसरे दिन बाद ही अमीषा ने अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया था जिससे आशंका जताई गई थी कि हत्या की वजह कहीं अमीषा तो नहीं है अंकित के परिजनों ने भी अमीषा से कडाई से पूछताछ न करने का आरोप लगाया था वारदात के कुछ दिन बाद तक मेरठ के ससुराल में रहने के बाद वह मायके चली गई थी इससे भी अंकित के परिजनों को बुरा लगा। अमीषा इन दिनों बंगलुरू में रह रही है।

केस का बेंग्लूरू कनेक्शन

अंकित और अमीषा की वारदात से करीब एक महीना पहले ही दस मार्च 2०15 को शादी हुई थी। अमीषा शादी के बाद नोएडा ट्रांसफर लेकर यहा शिफ्ट हो गई। अंकित शादी से पहले अमीषा स मिलने बेंग्लूरू जाया करता था। बताया गया यह बात अमीषा के प्रेमी को पसंद नहीं थी। ऐसे में अंकित की हत्या करने वालों का कनेक्शन बंग्लूरू से भी जोड़ा कर देखा गया।

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