Ayodhya: तीन बच्चों समेत एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या, इलाके में फैली दहशत

ayodhya: घटना अयोध्या के इनायत नगर थाना के ग्राम पंचायत खानपुर के मजरे बरिया निसारु की है।

Newstrack :  Network
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-05-22 20:52 GMT

अयोध्या में हत्या (प्रतीकात्मक तस्वीर: सोशल मीडिया)

Ayodhya: उत्तर प्रदेश के अयोध्या से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। अयोध्या में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई है। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि जमीन के विवाद में लोगों की हत्या की गई है। मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं।

आरोपी हत्या के बाद फरार हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, जिन लोगों की हत्या की गई है उनमें पति-पत्नी व तीन बच्चे शामिल हैं। हालांकि पुलिस ने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है कि कितने लोगों की हत्या हुई है। एसपी ग्रामीण शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है‌। वह मौके पर जा रहे हैं। उसी के बाद कुछ बता पाएंगे।
यह घटना अयोध्या के इनायत नगर थाना के ग्राम पंचायत खानपुर के मजरे बरिया निसारु की है। एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि मृतकों की संख्या पांच है। इनायत नगर पुलिस मौके पर है। ‌
Shabnam Case: पुरुष जल्लाद ही देगा शबनम को फांसी!
Shabnam Case: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रामपुर के बावनखेड़ी हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग खारिज कर दी है। इस संबंध में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने आयोग में अर्जी लगाई थी। अर्जी यह मांग भी गई थी कि शबनम को फांसी देने की स्थिति में महिला जल्लाद की व्यवस्था की जाए क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।
अर्जी में कहा गया था कि किसी पुरुष जल्लाद के हाथों महिला को फांसी देना उचित नहीं होगा। आयोग की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता की अर्जी को स्वीकार तो कर लिया गया था मगर अब उसे आयोग ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि यह उसके अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है।

आरटीआई कार्यकर्ता ने दिए थे ये तर्क

आरटीआई कार्यकर्ता दानिश खान की ओर से इस साल 21 फरवरी को मानवाधिकार आयोग में अर्जी अर्जी लगाई गई थी जिसे 20 मई को दर्ज किया गया था। इस अर्जी में बावनखेड़ी हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई थी। आरटीआई कार्यकर्ता का तर्क था कि यूपी पुलिस की जांच के आधार पर शबनम को दोषी ठहरा कर फांसी की सजा सुनाई गई है मगर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने पुरुष जल्लाद के हाथों महिला को फांसी दिए जाने पर भी सवाल खड़ा किया था। अब आयोग की ओर से इस अर्जी को खारिज कर दिया गया है। आयोग का कहना है कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर का है।

पूरे देश में चर्चित हुआ था बावनखेड़ी कांड

अमरोहा जनपद के बावनखेड़ी गांव में 14 अप्रैल 2008 की रात हुई घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई थी। इस घटना में शबनम ने अपने प्रेमी के सलीम के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात लोगों को कुल्हाड़ी से काट डाला था। मरने वाले सभी शबनम के करीबी परिजन थे। मृतकों में शबनम के मां बाप के अलावा उसके दो भाई, एक भाभी, एक मौसी की बेटी और शबनम का भतीजा भी शामिल था।
इस जघन्य अपराध में शबनम के प्रेमी सलीम ने उसकी मदद की थी। पुलिस को इस मामले में शुरुआत से ही शबनम की भूमिका पर शक था। पहले तो शबनम ने पुलिस को चक्कर में डालने के लिए दूसरी कहानी बताई, लेकिन पुलिसिया जांच में घटना का सच खुल गया। इस हत्याकांड में शबनम और उसके प्रेमी को गिरफ्तार करके मुकदमा चलाया गया था।

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